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अटल बिहारी वाजपेयी जयंती विशेष : अटल जी के स्वप्न हो रहे साकार

आज 25 दिसंबर 2023 है, यह अटल जी की 99वीं जन्म जयंती हैl 25 दिसंबर 2024 को उनकी जन्म जयंती का शताब्दी वर्ष होगाl हमें...
अटल बिहारी वाजपेयी जयंती विशेष : अटल जी के स्वप्न हो रहे साकार

आज 25 दिसंबर 2023 है, यह अटल जी की 99वीं जन्म जयंती हैl 25 दिसंबर 2024 को उनकी जन्म जयंती का शताब्दी वर्ष होगाl हमें पूरा विश्वास है कि अटल जी के आदर्शों पर चलने वाले और वर्षों की जनसंघ और भाजपा के घोषणापत्र में लिखे वचनों को साकार करने वाले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी उनकी जन्म शताब्दी की अद्भुत तैयारी की योजना बना चुके होंगे या बना रहे होंगेl यह अटल जी का सौभाग्य है कि आज उनके द्वारा प्रारंभ की गई विचारधारा को, चाहे वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के रूप में हो, एकात्म मानववाद के रूप में हो, या अंत्योदय के रूप में, इसे भारत की जमीन पर जी-जान से और जूनून से उतारने का काम नरेंद्र भाई मोदी कर रहे हैं l

जनता पार्टी की सरकार के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ में अटलजी पहले भारतीय विदेश मंत्री थे, जिन्होंने हिंदी में भाषण देकर पूरे विश्व को जहां चौंका दिया था, वहीं अपनी राष्ट्रभाषा को सम्मान प्रदान किया थाl वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अब तक विश्व में 66 राष्ट्रों में गए और भारत की, भारत माता की और वहां बसे भारतीयों के बीच अपनी संस्कृति और राष्ट्रवाद का पुनर्जागरण जिस तरह से किया उसे अटलजी को दी जाने वाली सच्ची श्रद्धांजलि कहेंगे तो अतिशयोक्ति नहीं होगीl 

केंद्र में अटलजी की पहली सरकार 13 दिन की थी, दूसरी बार 13 महीने की थीl जब 13 महीने की सरकार गिर रही थी तब विपक्ष में बैठे लोगों ने ताने मारे थे कि अटलजी सत्ता के लिए धारा 370, राममंदिर निर्माण, तीन तलाक को समाप्त करना, समान नागरिक संहिता जैसे अपने विचारधारा के विषय को भूलकर एनडीए से समझौता कियाl प्रधानमंत्री के नाते अटलजी ने सदन में जवाब दिया था कि राष्ट्रपति जी द्वारा सबसे बड़े दल होने के नाते हमें सरकार बनाने के लिए बुलाया गया, तो हमने न्यूतम साझा कार्यक्रम बनाया था जिससे देश पर पुनः चुनाव का भार न पड़े और अच्छी सरकार दे सकेंl लेकिन विपक्ष की ओर अटलजी ने कहा की एक बात समझ लीजिये, जिस दिन हम बहुमत में आएंगे , उस दिन न धारा 370, न राममंदिर, न तीन तलाक और न समान नागरिक संहिता को छोड़ेंगेl    

प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी 2014 में भाजपा की अकेले दम पर केंद्र में बहुमत की सरकार बनवाईl 2019 में इतिहास रचा गया और दुबारा सरकार बनीl प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के कानों में अटलजी के वे वाक्य जो उनके द्वारा सदन में कहे गए थे और जनसंघ से लेकर भाजपा के घोषणापत्र में लगातार लिखे जा रहे थे, को पूरा करने का अवसर आया,उन्होंने तनिक भी देर नहीं की और अपने राजनैतिक पुरखों की लिखी और कही विचाराधारा की बातों को 140 करोड़ जनता के चरणों में समर्पित कियाl

अटलजी ने मुंबई में संपन्न हुए भाजपा के प्रथम सम्मेलन में कहा था "अंधेरा हटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा"l आज उनके इस वाक्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी शब्दशः साकार करने में अनवरत देश के एक सेवक एवं कार्यकर्ता के रूप में सक्षमता से साकार कर रहे हैंl अटलजी को उनके राजनैतिक जीवन की यात्रा में किये गए अनथक प्रयत्न, उनकी उदारता, उनकी आत्मीयता और उनके द्वारा एक नहीं अनेकों बार की कई भारत यात्रा में अपनी वाणी से जनसंघ की दीये की प्रकाश में और कमल पुष्प के सुगंध से पूरे भारतवर्ष में पूर्व से पश्चिम,उत्तर से दक्षिण तक जनता को भाजपा को आकर्षित करने का अद्भुत प्रयास कियाl 

 

अटलजी ग्वालियर स्थित शिंदे की छावनी के कमल सिंह बाग स्थित अपने पैतृक निवास के एक छोटे से पाटोर में पैदा हुएl उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी आजादी से पूर्व उत्तर प्रदेश के बटेश्वर से ग्वालियर आकर सिंधिया स्टेट के दौरान एक स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थेl अटलजी चार भाई थेl पहले भाई का नाम अवध बिहारी वाजपेयी, दूसरे का नाम प्रेम बिहारी वाजपेयी, तीसरे भाई सदा बिहारी वाजपेयी और सबसे छोटे थे अटल बिहारी वाजपेयीl अटलजी का संपर्क बाल्यकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नारायण राव तर्टे से हुआl वहीं से वे संघ के स्वयंसेवक बनेl 

               

अंग्रेजों के जमाने में ग्वालियर में विक्टोरिआ कॉलेज जिसका नाम आज महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय है, में वे पढ़ते थेl अटल जी को जिन शक्षकों ने पढ़ाया था उनमें एक बहुत बड़े साहित्यकार डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन जी थेl वहां से अध्ययन करने के बाद अटलजी कानपुर पहुंचेl वहां उन्होंने लॉ में एडमिशन लियाl इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि उनके पिताजी ने बेटे के साथ लॉ कियाl उसी दौरान स्वर्गीय भाऊराव देवरस, जो उत्तर प्रदेश में संघ के बहुत बड़े अधिकारी थे, उन्हें अध्ययन के पश्चात उत्तर प्रदेश के शांडिला क्षेत्र में संघ के विस्तारक- प्रचारक के रूप में भेजा थाl यहां इतनी जानकारी इसलिए दे रहा हूं कि भाजपा से जुड़े देश के पहले प्रधानमंत्री अटलजी भी अपने जीवन में विस्तारक रूपी प्रचारक रहे और आज के भी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अपने छात्र जीवन में संघ के सम्पर्क में आये और वर्षों तक प्रचारक रहेl प्रचारक रहते हुए वे पहले गुजरात भाजपा के संगठन मंत्री बने और बाद में भाजपा के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बनेl यह संयोग ही कहा जाएगा कि संघ के संस्कार से युक्त अब तक जो दोनों प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विचारधारा के बने वे प्रारम्भ से ही संघ के स्वयंसेवक रहेl   

 अटलजी ने कश्मीर के बारे में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा कही गई कि " कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है" को उस दिन साकार कर दिया जब संसद में आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष पीएस संगमा की उपस्थिति में सर्वसम्मति से पारित करा लिया गया कि " कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है"l कश्मीर के बारे में अटलजी के मन में कितनी स्पष्टता थी, यह उनके इस काव्य से ही स्पष्ट हो जाता है- 

 

“धमकी, जिहाद के नारों से, हथियारों से 

कश्मीर कभी हथिया लोगे यह मत समझो

हमलों से, अत्याचारों से, संहारों से 

भारत का शीष झुका लोगे यह मत समझो

……..संसार भले ही हो विरुद्ध

कश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगा 

एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते

पर स्वतन्त्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगाl”

         

 

वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में 140 करोड़ जनता के मन में पाक अधिकृत कश्मीर में तिरंगा फहराने का सपना पूरा होगाl            

हम यहां पर अटलजी की तुलना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से कतई नहीं कर रहेl लेकिन अटलजी की जन्म जयंती पर संयोगवश जो दोनों नेताओं में एकात्मभाव,एकात्मदर्शन और विचारधारा की प्रतिबद्धता दिखी और दिख रही, उसको समाज के सामने रखना लेखक के नाते मैं अपनी प्रतिबद्धता ही मानता हूंl अटलजी आज भले ही काया से हमारे बीच नहीं हैं,लेकिन छाया से वे हम सबके बीच सदैव रहेंगेl प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने उन्हें भारत रत्न देकर और 25 दिसंबर उनके जन्म दिवस को सुशासन दिवस घोषित कर एक आदर्श जीवनशैली के राजनेता और प्रधानमंत्री के रूप में उनकी सेवा का जहां सम्मान किया, वहीं राजघाट पर उनकी समाधि 'सदैव अटल' बनाकर हर भारतवासी की ओर से जो श्रद्धांजलि अर्पित की वह इतिहास में अमर हो गयाl आज जो भी नागरिक व कार्यकर्ता दिल्ली आता है 'सदैव अटल' पर जरूर श्रद्धांजलि अर्पित करता है और अपनी विचारधारा के पुरोधा को प्रणाम करते हुए अभिभूत हो जाता हैl       

(लेखक प्रभात झा पूर्व सांसद एवं पूर्व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं)

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