अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने शनिवार को सभी अफगान महिलाओं को सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक कपड़े पहनने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तालिबान द्वारा कट्टर रुख अपनाने की आशंका को बल मिला है। इस कदम से तालिबान के अंतररष्ट्रीय समुदाय के साथ बर्ताव और रुख की प्रक्रिया और जटिल होगी। यह प्रक्रिया पहले से ही तनावपूर्ण है।
तालिबान के आदेश के मुताबिक महिलाओं की केवल आंख दिख सकती है और उन्हें सिर से लेकर पैर की उंगलियों तक को ढकने वाले बुर्के पहनने को कहा गया है।
बता दें कि यह तालिबान नेतृत्व द्वारा जारी किए गए दमनकारी आदेशों का सबसे नया मामला है। उदाहरण के लिए पिछले महीने तालिबान ने महिलाओं को अकेले यात्रा करने से मना किया था, लेकिन एक दिन के विरोध के बाद, इसे चुपचाप नजरअंदाज कर दिया गया।
तालिबान के आचरण और नैतिकता मंत्री खालिद हनफी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें।" तालिबान ने इससे पहले कक्षा छह के बाद लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी थी और कट्टरपंथियों के तुष्टिकरण के प्रयास शुरू कर दिये। इससे वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अलग थलग हो जाएगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर बाहर जरूरी काम नहीं है तो महिलाओं के लिए बेहतर होगा कि वे घर में ही रहें। हनफी ने कहा, "इस्लामिक सिद्धांत और इस्लामिक विचारधारा हमारे लिए किसी अन्य चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"
उल्लेखनीय है कि तालिबान ने वर्ष 1996-2001 के पिछले शासन काल में भी महिलाओं पर इसी तरह की सख्त पाबंदी लगाई थी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    