अमेरिका ने पाकिस्तान को यह प्रस्ताव इसलिए दिया था ताकि तत्कालीन पाकिस्तान तानाशाह परवेज मुशर्रफ की इन चिंताओं का समाधान हो सके कि भारत उनके देश को अस्थिर करने के लिए इन दूतावासों का इस्तेमाल कर रहा। एक अमेरिकी राजनयिक की नई पुस्तक में यह दावा किया गया है।
अमेरिका में नियुक्त पूर्व अमेरिकी राजदूत जलमई खलीलजाद ने अपनी ताजा पुस्तक, द इनवॉय: फ्रॉम काबुल टू व्हाइट हाउस में यह कहा है। उन्होंने 2005 की शुरुआत में जनरल मुशर्रफ से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए यह कहा। इस्लामाबाद में मुलाकात के दौरान मुशर्रफ ने आरोप लगाया था कि भारत ने पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए कंधार और जलालाबाद में दूतावास स्थापित किए थे।