आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने दावा किया है कि भारत ने पैसों के बल पर तालिबान से उसे खरीदने की कोशिश की थी। उसने कहा कि 1999 में कंधार में अपहरण किए गए भारतीय विमान आईसी-814 के यात्रियों और क्रू की अदला-बदली करने के बाद भारत ने तालिबान सरकार को पैसे की पेशकश की थी ताकि वो मसूद और उसके दो अन्य साथियों को पकड़कर उसेे सौंप दे।
खुद को भारत का दोस्त बताने वाले अमेरिका ने साल 2005 में अफगानिस्तान के कंधार और जलालाबाद में भारतीय दूतावासों की संयुक्त निगरानी का प्रस्ताव पाकिस्तान के सामने रखा था।
भारत की विदेश गुप्तचर संस्था रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत की आने वाली किताब ‘कश्मीरः द वाजपेयी ईयर्स’ के अंश और खुद दुलत के मीडिया में चल रहे इंटरव्यू ने एक बार फिर कांग्रेस को भाजपा पर हमलावर होने का मौका दे दिया है।