अमेरिका में अश्वेत युवक की हत्या के बाद कई शहरों में दंगे भड़कने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत दिवस जलाए गए एक चर्च का दौरा किया। लेकिन रिपब्लिकन सीनेटरों सहित अमेरिका के कई वर्गों से इसकी आलोचना की गई है। आलोचकों का कहना है कि वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के निकट एक पार्क में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया ताकि ट्रंप फोटो खिंचवाने के लिए चर्च जा सकें।
व्हाइट हाउस के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाया था
गत दिवस व्हाइट हाउस के निकट लेफैट पार्क में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने इस वजह से हटा दिया ताकि ट्रंप सेंट जोंस चर्च जा सकें और बाइबिल के साथ फोटो खिंचवा सकें। इस पूरे कार्यक्रम का लाइव टीवी प्रसारण किया गया। पुलिस की कार्रवाई को देकर विपक्षी डेमोक्रेट्स और धार्मिक नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने की कड़ी निंदा की। उनका कहना है कि बाइबिल और चर्च का दुरुपयोग किया है। इस चर्च में पिछले 150 वर्षों में अनेक राष्ट्रपति प्रार्थना के लिए जाते रहे हैं। आलोचना करने वालों में उनकी रिपब्लिकन पार्टी के भी कुछ नेता शामिल थे।
हिंसा गलत लेकिन प्रदर्शन करना अधिकार
नेब्रास्का के सीनेटर बेन सेस ने कहा कि दंगा करने और प्रॉपर्टी बर्बाद करने का किसी को अधिकार नहीं है लेकिन प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है। सिर्फ अपनी राजनीति की खातिर फोटो खिंचवाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को हटाना का वह विरोध कर रहे हैं।
कर्फ्यू का उल्लंघन कर प्रदर्शन जारी
इस बीच, अमेरिका के तमाम शहरों में कर्फ्यू का उल्लंघन करके प्रदर्शनों का दौर अभी भी जारी है। हजारों लोगों ने न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो, वाशिंगटन डीसी सहित अनेक शहरों में प्रदर्शन करके अश्वेत युवक की हत्या का विरोध कर रहे हैं। अमेरिकी शहरों में हो रहे प्रदर्शनों में कुछ स्थानों पर लोग हिंसक हो गए और उन्होंने संपत्ति और वाहनों को नुकसान पहुंचाया। हिंसक घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हिंसा की वजह से ही कई शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। रात के समय प्रदर्शन हिंसक होने की ज्यादा खबरें आ रही हैं।