नेशनल एकेडमीज आफ साइंस, इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन ने आव्रजन के आर्थिक एवं वित्तीय परिणाम पर अपनी रपट में कहा है कि आव्रजकों के योगदान से 2015-16 में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में अनुमानित करीब 2,000 अरब डालर की वृद्धि हुई। रपट से इस बात की पुष्टि होती है कि आव्रजकों और उनके संततियों ने अमेरिका की आर्थिक वृद्धि, देश में नवप्रवर्तन और उद्यमों के विकास में मूल्यवान योगदान किया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय आव्रजक देश में यहां के मूल निवासियों सहित किसी भी जातीय समूह में सबसे अधिक उद्यमशील हैं। रपट ने यह तथ्य भी उजागर किया है कि अमेरिका में परिवहन, आवास, मनोरंजन एवं सेवा सत्कार क्षेत्र में एक चौथाई कंपनियां आव्रजकों की है। इसमें यह भी कहा गया है आव्रजन से अमेरिकी समाज का बुढ़ापा कम करने में मदद मिलती है तथा 2020 से 2030 के दौरान अमेरिका में श्रम शक्ति की वृद्धि पूरी तरह आव्रजकों और उनकी संततियों पर निर्भर होगी।
इस अध्ययन रपट में यह भी पाया गया है कि आव्रजन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में वेतन व मजदूरी के स्तर या अमेरिका में पैदा हुए लोगों के रोजगार के कुल अवसरों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। इसमें कहा गया है, वेतन आदि पर कोई नकारात्मक असर है तो वह हाल में आए अन्य आव्रजकों की वजह से है जो उच्च माध्यमिक स्तर की पढाई भी नहीं किए हुए हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर आव्रजन से नुकसान और नफे का मुद्दा हमेशा ही गरम रहा है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने पर अवैध आव्रजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। उनका कहना है कि आव्रजक अमेरिकी श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं। इसके विपरीत डेमाक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन आव्रजन को स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मानती है चाहे वह वैध हो या अवैध।
भाषा