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अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी इतिहास बनाने के कगार पर

अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी इतिहास बनाते दिख रहे हैं क्योंकि इस समुदाय से रिकॉर्ड संख्या में लोगों के इस बार के आम चुनाव में निर्वाचित होने की पूरी संभावना है। देश की आबादी में करीब एक प्रतिशत इस समुदाय के लोग हैं।
अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी इतिहास बनाने के कगार पर

स्थानीय चुनाव और राजनीतिक पंडितों पर भरोसा किया जाए तो अमेरिकी सीनेट में भारतीय-अमेरिकियों के भी प्रतिनिधि होंगे जिनमें एक महिला कमला हैरिस भी हैं जो दो बार से कैलिफोर्निया की एटॉर्नी जनरल हैं। उनके साथ सिएटल से प्रमिला जयपाल के भी प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचित होने की संभावना है। प्रतिनिधि सभा भारतीय संसद में लोकसभा के समान है। दोनों का संबंध चेन्नई से है और कांग्रेस में जाने का यह उनका पहला प्रयास है। कमला की मां चेन्नई की हैं और प्रमिला का जन्म चेन्नई में हुआ था। प्रमिला (51 साल) प्रगतिशील एजेंडा के साथ चुनाव मैदान में हैं और सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने उनका समर्थन किया है। वहीं 51 वर्षीय कमला को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निडर बताया था। ओबामा ने कुछ महीने पहले उनका समर्थन किया था और एक वीडियो रिकॉर्ड कराया था जिसे अभी कैलिफोर्निया में दिखाया जा रहा है।

ओबामा ने भारतीय-अमेरिकी राजा कृष्णमूर्ति का भी समर्थन किया है जो शिकागो उपनगरीय क्षेत्र से प्रतिनिधि सभा में प्रवेश करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। राजा का जन्म 1973 में दिल्ली में हुआ था और उनके माता-पिता तमिलनाडु से हैं, जो उस समय अमेरिका जाकर बस गए थे जब राजा महज तीन महीने के ही थे। राजनीतिक पंडित उनकी सीट को डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मान रहे हैं। राजा दूसरी बार प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। उनके साथ ही रोहित रो खन्ना भी चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला माइक होंडा से हो रहा है। आंतरिक चुनाव सर्वेक्षण के अनुसार खन्ना की जीत की संभावना ज्यादा है लेकिन कुछ क्षेत्रों में होंडा भी काफी लोकप्रिय हैं। मौजूदा कांग्रेस में एकमात्र भारतीय अमेरिकी अमि बेरा का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के स्कॉट जोंस से हो रहा है। वह तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में हैं। ओबामा का समर्थन मिलने के बाद बेरा की जीत की संभावना बढ़ गई है।

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