भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जहां स्वागत में बड़े जलसे हो रहे हैं, वहीं उनके विरोध में भी लोग जुट रहे हैं। ये लोग उन तमाम शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां नरेंद्र मोदी जा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को कैलिफोर्निया के सेन जोस शहर में दिन में दो बजे से लेकर शाम सात बजे (भारतीय समय के मुताबिक तकरीबन रात 2.30 बजे से-सुबह 7.30 बजे )तक एसएपी सेंटर के सामने प्रदर्शन करेंगे।
एलाइंस फॉर जस्टिस एंड अकॉन्टबिल्टी नामक संस्था इन तमाम प्रदर्शनों को आयोजित कर रही है। इस गठजोड़ में भारतीय-अमेरिकी संस्थाएं और ऐसे तमाम व्यक्ति शामिल हैं जो भारत में धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में और धर्मान्धता तथा सांप्रदायिक फासीवाद के खिलाफ है। ये तमाम लोग मुख्यता नरसंहार के विरोध में गठबंधन (सीएजी) का हिस्सा है। सीएजी के लंबे प्रयासों की वजह से ही वर्ष 2002 में गुजरात के नरसंहार के बाद से अमेरिका पर मोदी को वीजा देने से रोका था। इस गठबंधन के संस्थापन सदस्य डॉ. शाएख उबेद का कहना है कि इन प्रदर्शनों का मकसद यह कि मोदी की यात्रा का विरोध करके दुनिया को यह जताना है कि किस तरह से मोदी की सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है और उसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसंघ का भी बड़ा हाथ है।
रविवार को आयोजित इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी गठबंधन ने फेसबुक और ई-मेल से आम नागरिकों और मीडिया को भेजी। केलिफोर्नियां में 27 सितंबर को और न्यूयॉर्क में 28 सितंबर को यहां के मेडिसन स्कवायर गार्डन में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी हो रही है।
संगठन द्वारा भेजे गए ई-मेल में बाकायदा साफ-साफ लिखा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा पर नापसंदगी जताने के लिए किया जा रहा है। इसमें मीडिया को एक तय समय पर बुलाया गया है। अमेरिका में इन प्रदर्शनों का कोई बहुत बड़ा प्रभाव चाहे नहीं भी पड़ रहा हो, लेकिन इनके सांकेतिक महत्व से कोई भी इनकार नहीं कर सकता।