Advertisement

अमेरिका में भ्रूण हत्या मामले में भारतीय महिला को सजा

अप्रवासी भारतीय महिला पूर्वी पटेल को अमेरिका में भ्रूण हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है। अमेरिका में भ्रूण हत्या में दोषी पाए जाने और सजा का यह बिलकुल पहला मामला है। पूर्वी पटेल पर गैरकानूनी ढंग से अॉनलाइन गर्भपात की दवा खरीदने का भी शक था।
अमेरिका में भ्रूण हत्या मामले में भारतीय महिला को सजा

अमेरिका में रहने वाली भारतीय पूर्वी पटेल को अमेरिकी कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। यह सजा भ्रूण हत्या के मामले में सुनाई गई है और पूर्वी पहली महिला है जिसे अमेरिका में  भ्रूण हत्या के मामले में सजा हुई है। पूर्वी पर गर्भस्थ शिशु की अनदेखी करने और फिर भ्रूण की हत्या करने का दोष साबित हुआ है। ज्यादा रक्तस्राव के चलते जब पूर्वी सेंट जोसेफ क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र के जच्चा वार्ड में गईं तो वहां मौजूद ड्यूटी पर मौजूद डॉ. कैली मैकग्योर को रक्त के साथ गर्भनाल भी दिखाई पड़ी। शक के चलते उन्होंने पुलिस को खबर की और उनकी रिपोर्ट पर कारवाई की गई। इंडियाना कोर्ट रूम में अपने बयान में डॉक्टर ने कहा, ‘गर्भ नाल के दूसरे सिरे में यकीनी तौर पर बच्चा रहा होगा। यही सोच कर मैंने शिकायत की।’

पटेल ने डॉक्टर को कहा कि उसका गर्भपात हो गया है और भ्रूण को उसने एक शॉपिंग सेंटर के पिछवाड़े कचरे में फेंक दिया है। पटेल की निशानदेही पर ही पुलिस ने उस जगह का मुआयना किया और भ्रूण को जब्त कर लिया। पटेल पर गैरकानूनी तरीके से गर्भपात की कोशिश के लिए भी मामला दर्ज किया गया है। जिस कानून (इंडियाना स्टैचूट) के तहत पटेल को सजा हुई है उसके तहत ‘जानबूझ कर या अनजाने में किए गए गर्भपात’ पर रोक है। ऐसा तब ही किया जब मृत भ्रूण को निकालना हो।    

सोमवार को इस मामले में फैसला आने के बाद जनता के बीच यह बहस का मुद्दा बन गया है। गर्भपात पर अलग नजरिया रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए यह खतरे की घंटी है, क्योंकि भ्रूणहत्या के लिए शुरुआती नियमों में गर्भवती स्त्री को खतरनाक अवैध तरीकों से किए गए गर्भपात या किसी अन्य स्रोत से हुए नुकसान से बचाना है।

33 पूर्वी ने अपने बचाव में कहा कि उसे पता था कि उसे तीन हफ्तों का गर्भ है। पेट में दर्द की वजह से वह अपने दफ्तर से जल्दी निकली थीं। लेकिन दर्द बढ़ता देख वह बाथरूम में गईं जहां, भ्रूण बाहर आ गया। खून में लथपथ ‘मृत’ भ्रूण को उन्होंने प्लॉस्टिक बैग में भर कर फेंक दिया। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने सहायता के लिए 911 नंबर डायल क्यों नहीं किया तो उन्होंने कहा, खून देख कर वह घबरा गईं थीं और समझ ही नहीं पाईं कि क्या करें। इसके बाद वह सेंट जोसफ क्षेत्रीय मेडिकल सेंटर पर गईं। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad