अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि भारत का रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली और ईरान से तेल खरीदना ‘‘टू प्लस टू’’ वार्ता का हिस्सा होगा लेकिन बातचीत मुख्य रूप से इस पर केंद्रित नहीं होगी।
विदेश मंत्री पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ 6 सितंबर को बैठक हो रही है, इसे “टू प्लस टू” वार्ता का नाम दिया गया है। दोनों देशों के बीच यह पहली ‘‘टू प्लस टू’’ वार्ता है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार पोम्पिओ ने उनके साथ पाकिस्तान और उसके बाद भारत यात्रा कर रहे संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ' भारत का रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली और ईरान से तेल खरीदना वार्ता का हिस्सा होगा। यह संबंधों का हिस्सा है। ये सारी बातें वार्ता के दौरान जरूर आएंगी लेकिन मैं नहीं सोचता हूं कि बातचीत इन मुद्दों पर केंद्रित रहेगी।'
रूस और ईरान को लेकर समझौते के मूड में नहीं है भारत;
ऐसी संभावना है कि भारत वार्ता के दौरान अमेरिका को बताएगा कि वह एस-400 ट्रयम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ 40,000 करोड़ रुपये का सौदा करने वाला है।
विदेश मंत्री ने कहा, ' आधे दर्जन से अधिक ऐसी चीजें हैं जिस पर इस वार्ता में हम आगे बढ़ना चाहते हैं। ये फैसले महत्वपूर्ण हैं। ये फैसले संबंधों के लिहाज से निश्चित ही महत्वपूर्ण हैं लेकिन हम रणनीतिक बातचीत के दौरान उन मुद्दों को सुलझाते हुए खुद को नहीं देखते हैं और इस दौरान इन्हें सुलझाने का इरादा भी नहीं है।'
पहले रद्द हो चुकी है एक “टू प्लस टू”;
उन्होंने कहा, ' ये ऐसी चीजे हैं जो बड़ी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और अगले 20, 40 और 50 सालों तक रहेंगी। ये ऐसे विषय हैं जिन पर मैं और मैटिस बात करेंगे।’’ पोम्पिओ ने पूर्व में टू प्लस टू वार्ता के दो बार स्थगित होने पर भी खेद जताते हुए कहा, ' मैं खेद प्रकट करता हूं, दूसरी बार मेरी गलती थी। मुझे प्योंगयांग जाना था। लेकिन रक्षा मंत्री मैटिस और मैं अब इस पर आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं।'