भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बातचीत अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा, शांति बहाली अभियानों, दस्यु समस्या, वर्ष 2015 के बाद के विकास एजेंडा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और आपसी सहमति के अन्य मुद्दों पर केंद्रित थी। बयान में कहा गया है कि यह वार्ता मित्रता के दिल्ली घोषणापत्र की भावना के अनुरूप हुई जिसमें अमेरिका और भारत ने बहुपक्षीय मंचों पर नियमित विचार-विमर्श करने का संकल्प जताया है। अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व अतरराष्ट्रीय संगठन मामलों के सहायक विदेश मंत्री शेबा क्रोकर ने और भारतीय पक्ष की अगुवाई विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव विकास स्वरूप ने की।
बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत-अमेरिका की वार्ता दोनों देशों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक अवसर थी। पिछले माह राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान जारी अमेरिका-भारत संयुक्त बयान में जैसा कहा गया था, उसके अनुसार दोनों देशों ने अपने नागरिकों और वैश्विक समुदाय का जीवन बेहतर बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाते रहने का संकल्प जताया।
भारत और अमेरिका ने पिछले माह अपनी लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक भागीदारी को दोनों के रिश्ते मजबूत एवं विस्तृत करने संबंधी मित्रता के घोषणापत्र के साथ और ऊपर उठाने पर सहमति जताई थी।