व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन याचिका के जवाब में कहा, राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने धार्मिक आधार पर हिंसक गतिविधियों की निंदा की थी और भरोसा दिया था कि उनकी सरकार सभी धर्मों को बराबर सम्मान देगी।
न्यूयॉर्क स्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस की इस याचिका में ओबामा से उनके भारत दौरे से पहले आग्रह किया गया था कि वह मोदी के साथ अपनी बातचीत के दौरान सिख नरसंहार और सिखों के आत्मनिर्णय के अधिकार का मुद्दा उठाएं।
इस ऑनलाइन याचिका पर सवा लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए। इस याचिका की ऑनलाइन शुरूआत किए जाने के एक महीने से भी कम समय में व्हाइट हाउस ने यह जवाब दिया है। इस याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों का धन्यवाद देते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने भारत प्रवास के दौरान 27 जनवरी को सिरी फोर्ट में अपने संबोधन के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एवं सहिष्णुता के महत्व पर चर्चा की थी।
व्हाइट हाउस ने कहा, राष्ट्रपति ओबामा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की सफलता इस पर निर्भर करती है कि वह धर्म के आधार पर नहीं बंटे। सभी धर्मों को समान दर्जे के बारे में ओबामा के सैद्धांतिक रुख की सराहना करते हुए एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कहा, सिख समूह की याचिका पर व्हाइट हाउस का जवाब मोदी के लिए फिर यह याद दिलाने वाला है कि भारत की सफलता सभी धार्मिक समुदायों को स्वतंत्रता एवं अपने धर्म पर अमल करने एवं प्रताड़ना के डर के बिना आस्था का प्रचार-प्रसार करने का अधिकार देने पर निर्भर करती है।