डेनिस मुकवेगे और नादिया मुराद को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। युद्ध के दौरान यौन हिंसा को युद्ध के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के खिलाफ दोनों के प्रयासों को नोबेल से पुरस्कृत किया गया है। नॉर्वे की कमेटी ने ओस्लो में यह घोषणा की। नादिया मुराद इराक से आने वाले यजीदी समुदाय से हैं जिनको इस्लामिक स्टेट ने कई हफ्तों तक बंधक बना रखा था।
शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए कुल 331 नामांकन आए थे जिसमें 216 व्यक्तियों के थे तो 115 संगठनों ने नामांकन कराया था। 104 लोग और 27 संगठनों सहित अब तक 98 नोबेल शांति पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">The Nobel Peace Prize for 2018 has been awarded to Denis Mukwege and Nadia Murad for their efforts to end the use of sexual violence as a weapon of war and armed conflict. <a href="https://t.co/bZYIVoU8Z3">pic.twitter.com/bZYIVoU8Z3</a></p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1048138037308411904?ref_src=twsrc%5Etfw">October 5, 2018</a></blockquote>
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इससे पहले सोमवार को प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार-2018 की घोषणा शुरू हुई थी। चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार की घोषणा सबसे पहले की गई। चिकित्सा के क्षेत्र में यह पुरुस्कार दो लोगों को सामूहिक तौर पर दिया गया। जेम्स पी ऐलिसन और तासुको होंजो को कैंसर थेरेपी की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया। कैंसर की दुर्लभ बीमारी की इलाज के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी थेरेपी विकसित की है, जिससे शरीर की कोशिकाओं को इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूती मिलती है।
इस बार नहीं दिया जाएगा साहित्य का नोबेल
इस बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिए जाने का फैसला किया गया है। पिछले 70 साल में पहली बार ऐसा है कि साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। स्वीडन में सांस्कृतिक गतिविधियों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले फ्रांसीसी नागरिक ज्यां-क्लाउड अर्नोल्ट यौन आरोपों और वित्तीय अपराध के आरोपों से घिरे हैं।
इस बार साहित्य का नोबेल नहीं दिए जाने के कारण लोगों की नजरें शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा पर ज्यादा टिकी थीं।