नेशनल जियोग्राफिक बी का अंतिम चरण कल वाशिंगटन में नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रतिभागियों को भूगोल की उनकी जानकारी के आधार पर आंका जाएगा।
राज्य स्तर पर हुई प्रतियोगिताओं के कुल 54 विजेताओं में से 10 छात्र अंतिम चरण तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। इनमें से सात छात्र भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। अंतिम चरण के प्रतिभागियों में टेक्सास के प्रणय वर्दा, मेसाचुसेट्स के साकेत जोनालगदा, मिनेसोटा के लुकास एगर्स, मोंटाना की ग्रेस रेबर्ट, विसकोंसिन के थॉमस राइट, ओरेगन के अश्विन शिवकुमार, अलबामा के कपिल नाथन, फ्लोरिडा के रिषि नायर, मैरीलैंड के रिषि कुमार और नॉर्थ कैरोलिना के समन्यू दीक्षित शामिल हैं। 28वीं वार्षिक नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता के प्रारंभिक चरण का आयोजन कल किया गया था।
ये 10 प्रतिभागी पुरस्कार के लिए स्पर्धा करेंगे। पुरस्कारों में 50 हजार डॉलर की कॉलेज छात्रवृत्ति और नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की आजीवन सदस्यता और कई अन्य पुरस्कार शामिल हैं। दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले विजेताओं को क्रमश: 25 हजार और 10 हजार डॉलर की कॉलेज छात्रवृत्ति मिलेगी। कई साल से भारतीय-अमेरिकी छात्र विभिन्न बी प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। पिछले साल न्यूजर्सी के निवासी 14 वर्षीय करण मेनन ने नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता जीती थी। दूसरे स्थान पर रही बच्ची श्रिया यार्लागदा (11) भी भारतीय मूल की ही थी।
स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में लगातार आठ साल तक भारतीय-अमेरिकी ही विजेता रहे। वर्ष 1999 से शुरू हुई इस प्रतियोगिता के 17 सत्रों में से 13 को भारतीय मूल के बच्चों ने ही जीता है। पिछले साल वन्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटचालम को वार्षिक नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता का संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। वर्ष 2014 में, श्रीराम हाथवर और अंसुन सुजॉय को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था।