डेमोक्रेटिक पार्टी की करीब 60 महिला सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगे यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की विस्तृत जांच करने की मांग की है।
हाउस कमेटी ऑन ऑवरसाइट एंड गवर्नमेंट रिफॉर्म्स के अध्यक्ष और रैंकिंग सदस्य को भेजे एक खत पर 54 महिला सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि 'मी टू' अभियान के दौर में पूरे अमेरिका की महिलाएं अपने यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की खौफनाक कहानी दुनिया के सामने रख रही हैं।
खत में कहा गया है, ' कांग्रेस के सदस्य भी जांच के दायरे में आए हैं और कुछ यौन दुर्व्यवहार की वजह से इस्तीफा भी दे रहे हैं।' इसमें लिखा है, 'ट्रंप के खिलाफ कई महिलाओं ने आरोप लगाए हैं और हम इसको नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वहीं यह भी होना चाहिए कि राष्ट्रपति को अपने बचाव में सबूत पेश करने की अनुमति मिले।' ट्रंप पर आरोप लगाने वाली तीन महिलाओं ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की थी कि उनके द्वारा राष्ट्रपति पर लगाए गए आरोपों की जांच संसद द्वारा कराई जानी चाहिए। इसके बाद डेमोक्रेटिक सांसद क्रिस्टन गिलीब्रांड ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्रंप के इस्तीफे की मांग की।
गिलीब्रांड ने एक ट्वीट में कहा, ' राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि वह खुद को तो दोषी ठहराएंगे नहीं। इसलिए कांग्रेस को उन पर लगे यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के कई आरोपों की जांच करानी चाहिए।' व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति ने इन आरोपो को सीधे तौर पर खारिज किया है।
सैंडर्स ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ' ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले की यह घटना है। और इस देश के लोगों ने निर्णायक चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन किया। हम मानते हैं कि इन आरोपों का जवाब ट्रंप को चुनने की प्रक्रिया में दे दिया गया।'