प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी जकार्ता के सरीना शॉपिंग सेंटर के बाहर विस्फोटों की आवाज सुनी। कम से कम एक बंदूकधारी ने शहर के मध्य में एक कैफे में गोली चलाई है। इस इलाके में कई विस्फोटों की आवाज सुनी गईं। सड़कों पर बुरी तरह क्षत-विक्षत शव देखे गए है। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, हमने देखा कि स्टारबक्स की सीढि़यां क्षतिग्रस्त हो गईं। मैंने एक विदेशी को जख्मी हालत में देखा जिसका हाथ शरीर से अलग हो गया था, लेकिन वह जिंदा था।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस हमले को 'चरमपंथी कार्रवाई' करार देते हुए इसकी निंदा की है। इंडोनेशिया दुनिया में मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और यहां पहले भी इस्लामी उग्रवादी गुट हमला करते रहे हैं। जकार्ता पुलिस के मुताबिक, हमलावर बाइक से आए थे और उन्होंने एम्बेसी के आसपास ग्रेनेड फेंके।
इंडोनेशिया में 2000 और 2009 के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने कई बड़े बम हमले किए। इनमें 2002 में बाली द्वीप के एक रिजाॅर्ट पर हुआ हमला भी शामिल है। उस हमले में 202 लोग मारे गए थे। इस हमले में कई लोगों के घायल होने की भी आशंका है। पेरिस पर नवंबर में आईएसआईएस हमले के बाद इंडोनेशिया में हाई अलर्ट था। माना जा रहा है कि शहर में अभी कुछ और आतंकी मौजूद हो सकते हैं।
चार संदिग्ध हमलावरों की मौत
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुए हमले में शामिल चार संदिग्ध हमलावरों की मौत हो गई जिनमें दो आत्मघाती हमलावर भी शामिल हैं। राष्ट्रीय पुलिस उप प्रमुख बुडी गुनावन ने पत्रकारों से कहा कि दो नागरिकों की मौत की भी पुष्टि हुई है इनमें एक विदेशी नागरिक है। और इस प्रकार हमले में मरने वालों की कुल संख्या छह हो गई है।
उन्होंने बताया कि पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो हमलावर मारे गए जबकि दो अन्य आत्मघाती हमलावर थे। जकार्ता पुलिस के प्रवक्ता मुहम्मद इकबाल ने कहा कि पांच पुलिस कर्मी, एक विदेशी नागरिक और चार इंडोनेशियाई नागरिक इन हमलों में घायल हुए हैं।