जापान ने यह संदेश पहुंचाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रेस सचिव यासुहिसा कावामुरा को संयुक्त राष्ट्र भेजा कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा ‘‘बर्बर और अमानवीय तरीके से’’ दो जापानी बंधकों के सिर कलम किए जाने के बाद ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दृढ़ता से खड़े रहेंगे।’’ जापान ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि वह इस समय आतंकवाद के खिलाफ किसी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होगा।
यह उल्लेख करते हुए कि जापान 2016 में बड़ी आर्थिक शक्तियों के समूह जी-7 की अध्यक्षता करेगा, कावामुरा ने कहा कि उनका देश आतंकवाद से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समन्वय को विस्तारित किए जाने की इच्छा रखता है।
जापान हाल तक इस्लामिक स्टेट के उग्रवादियों द्वारा फैलाई जा रही हिंसा के मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री शिंजो एबे द्वारा पिछले माह मध्य पूर्व की यात्रा के दौरान आईएस के खिलाफ संघर्ष में गैर सैन्य सहायता के रूप में 20 करोड़ डालर की मदद की घोषणा किए जाने के बाद उग्रवादियों ने दोनों जापानी बंधकों की रिहाई के लिए 20 करोड़ रूपए की फिरौती की मांग कर डाली थी।