कोरोना वायरस सर्वाधिक संक्रतिम प्रांत हुबेई और इसके शहर वुहान से भारतीयों को वापस लाने की तैयारियां की जा रही हैं। इन लोगों भारत में आने के बाद 14 दिनों तक क्वेरेंटाइन के लिए अलग रखा जाएगा। उधर, चीन ने कहा है कि अगर कोई देश अपने नागरिकों को वापस ले जाने का आग्रह करता है तो वह इसके लिए आवश्यक इंतजाम करेगा और सहायता देगा। इस बीच, चीन से अमेरिका के 240 नागरिकों को एक विशेष विमान के जरिये वापस ले जाया गया है।
हुबेई में कोरोना वायर से 25 और लोगों की मौत
भारत और अमेरिका के अलावा फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया सहित कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को वापस आने की अनुमति देने और आवश्यक इंतजाम करने का आग्रह किया है। हुबेई प्रांत में 25 अन्य लोगों की मौत के साथ मरने वालों की कुल संख्या 132 हो गई है। संक्रमित लोगों की संख्या 6000 के करीब हो गई है।
चीन में 250 भारतीय फंसे
भारत ने हुबेई प्रांत से अपने 250 से ज्यादा नागरिको को वापस लाने के लिए इंतजाम किए हैं। इनमें ज्यादातर छात्र और प्रोफेशनल हंै। हुबेई में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश के भी नागरिक फंस गए हैं।
वापसी के बाद 14 दिन अस्पताल में रहना होगा
बीजिंग ने भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। उसने वुहान और हुबेई के अन्य शहरों में फंसे भारतीयों को फार्म देकर सहमति के साथ अपना विवरण देने को कहा है। दूतावास ने चीन से वापस लेने के लिए नागरिको की सूची तैयार कर ली है। खबर है कि एयर इंडिया का विशेष इस अभियान के लिए तैयार किया गया है। नागरिकों को बताया गया है कि भारत आने के बाद उन्हें 14 दिनों तक अस्पताल में क्वेरेंटाइन के लिए अलग रखा जाएगा।
विदेशी नागरिकों को निकालने के पक्ष में नहीं डब्ल्यूएचओ
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेडरोस एडनोम गेब्रेयस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ हुबेई प्रांत से विदेशी नागरिकों को वापस लाए जाने की सिफारिश नहीं करता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयम बरतने की अपील की है।