नागोया से उड़ान भरने वाले इस विमान ने लगभग 118 घंटे की यात्रा कर रिकॉर्ड पांच दिन की यात्रा कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। आंद्र की टीम ने बताया कि इससे पहले किसी सोलर विमान ने इतनी लंबी यात्रा नहीं की थी। इससे पहले दिवंगत स्टीव फॉसेट ने विशेष रूप से डिजाइन जेट विमान से सन 2006 में 76 घंटे की उड़ान भरकर रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन बोर्शबर्ग ने सोलर इंपल्स-2 को ईंधन के बगैर उड़ाया। इसकी पंखियों में 17 हजार सौर सेल लगी थीं जिनसे प्रोपेलर को ऊर्जा मिल रही थी और बैटरियां चार्ज हो रही थीं। विमान ने पहले से ही एकत्रित ऊर्जा से संचालित होकर रात को उड़ान भरी थी।
पूरी पृथ्वी का चक्कर काटने के लिए प्रशांत महासागर को पार करना सबसे ज्यादा खतरनाक था क्योंकि आपात स्थिति में इसे उतारने के लिए दूर-दूर तक कोई जमीन नहीं थीँ। इंजनरहित यह विमान बिना शोर-शराबे के उतरा और सिर्फ एक हेलिकॉप्टर जैसी आवाज हुई। शुक्रवार की सुबह छह बजे धरती छूने वाले इस विमान के प्रत्यक्षदर्शी मीडिया सहित लगभग 200 लोग बने। बाद में बोर्शबर्ग ने इस विमान यात्रा को अभूतपूर्व अनुभव बताया और कहा कि अक्षय ऊर्जा से चालित इस विमान ने ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने कहा, ‘अब कोई नहीं कह सकता कि अक्षय ऊर्जा से असंभव कार्य नहीं हो सकता। सबसे बड़ी चुनौती मेरे साथ स्विस सह-चालक बरटांड पिकार्ड और मेरा जापान से उड़ान भरने के फैसले को लेकर थी।’ बोर्शबर्ग प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होने तथा फिट रहने के लिए नियमित रूप से 45 मिनट का योग करते हैं।