बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख नियुक्त किए गए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को सभी से “शांति कायम करने” और “हर प्रकार की हिंसा से बचने” की अपील की। यूनुस (84) कहा, “आइए इस नयी जीत का सर्वोत्तम उपयोग करें। हम अपनी किसी गलती की वजह से इस जीत को व्यर्थ न जाने दें।”
पेशे से अर्थशास्त्री यूनुस के प्रभार संभालने के लिए पेरिस से स्वदेश लौटने की संभावना है। उन्होंने कहा, “मैं वर्तमान परिस्थिति में सभी से शांति बरतने और सभी तरह की हिंसा और नुकसान से बचने की अपील करता हूं।”
इससे पहले बांग्लादेश में छात्रों ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन स्वयंसेवकों के रूप में यातायात प्रबंधन किया। वहीं, एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य से धीरे-धीरे ड्यूटी पर लौटने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने का आह्वान किया।
स्थानीय मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में अराजकता चरम पर है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने या यातायात का प्रबंधन करने के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध नहीं हैं।अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) ए.के.एम. शाहीदुर रहमान को मौजूदा संकट से निपटने के लिए मंगलवार को बांग्लादेश पुलिस का शीर्ष अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य से धीरे-धीरे ड्यूटी पर लौटने और सार्वजनिक सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के काम में जुटने का आह्वान किया है।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि बांग्लादेश स्काउट्स के सदस्यों समेत छात्रों को कई स्थानों पर यातायात प्रबंधन करते हुए देखा गया। बुधवार को सुरक्षाबल में हुए ताजा फेरबदल के तहत रहमान को अब रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है।
अखबार ने बताया कि देशभर में मंगलवार को पुलिस थानों और विभिन्न केंद्रों पर हमलों में कई पुलिसकर्मियों के हताहत होने की खबरें हैं, जिससे यह अभूतपूर्व स्थिति पैदा हो गई है।
‘प्रथम अलो’ समाचार पोर्टल ने बताया कि प्राधिकारियों ने बुधवार को आरएबी और ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस (डीएमपी) के शीर्ष पदों में फेरबदल किया। इसने कहा, ‘‘एकेएम शाहिदुर रहमान को आरएबी का महानिदेशक नियुक्त किया गया है, जबकि मोहम्मद मोईन उल हसन ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के आयुक्त के रूप में हबीबुर रहमान का स्थान लेंगे।’’
इस फेरबदल से कुछ घंटे पहले राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को मंगलवार रात को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया।
अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद जेल से रिहा हुईं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने ढाका में अपनी पार्टी की एक विशाल रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने देश के पुनर्निर्माण के लिए शांति की अपील की।
जिया (79) को हसीना के शासनकाल में 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष जिया ने कहा, “मुझे अब रिहा कर दिया गया है। मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं जो असंभव को संभव बनाने के लिए ‘करो या मरो’ के संघर्ष में थे।”
उन्होंने कहा, “यह जीत हमारे लिए लूट, भ्रष्टाचार और बीमार राजनीति से पार पाने की नयी संभावना लेकर आई है। हमें इस देश को एक समृद्ध देश बनाने की जरूरत है।”
जिया ने कहा, “कोई विनाश नहीं, कोई आक्रोश नहीं और कोई प्रतिशोध नहीं, हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्रेम व शांति की जरूरत है।”
अक्टूबर 2020 में नियुक्त हुए अटॉर्नी जनरल अबू मोहम्मद अमीनुद्दीन ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया।
वहीं, कारोबारी प्रतिष्ठानों ने पिछले दो दिन में फैक्टरियों में आगजनी की घटनाओं के बीच बुधवार को कानून एवं व्यवस्था तुरंत बहाल करने की मांग की, ताकि उनकी उत्पादन इकाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
‘डेली स्टार’ अखबार ने ‘इंटरनेशनल चैंबल ऑफ कॉमर्स, बांग्लादेश’ के हवाले से बताया कि कारोबारियों ने कहा है कि उन्होंने आज खासतौर से कपड़ों की फैक्टरियां खोलीं, लेकिन अशांति और तोड़फोड़ के डर के कारण कई फैक्टरी का संचालन संभव नहीं है।
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने बताया कि कार्यालयों को फिर से खोले जाने के बाद दूसरे दिन बुधवार को बांग्लादेश बैंक में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। डिप्टी गवर्नर काजी सईदुर रहमान सहित बांग्लादेश बैंक के छह शीर्ष अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया।
अखबार ने बताया कि बांग्लादेश बैंक के सैकड़ों अधिकारी बैंक गवर्नर के कार्यालय में घुस गए, जिससे कई डिप्टी गवर्नर को कार्यालय छोड़ना पड़ा।
मंगलवार को देश के कई हिस्सों से हसीना की आवामी लीग पार्टी के कम से कम 29 समर्थकों के शव बरामद हुए, जिससे सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर जुलाई में शुरू हुए प्रदर्शन के हिंसक होने से अब तक मारे गए लागों की संख्या बढ़कर 469 हो गई है।
मीडिया में आई खबरों में मंगलवार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के ज्यादा मामले सामने आने की बात कही गई। सोमवार को लोकप्रिय लोक बैंड ‘जोलर गान’ के प्रमुख राहुल आनंद के आवास पर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई, जिससे गायक और उनके परिवार को एक गुप्त स्थान पर शरण लेनी पड़ी।
‘डेली स्टार’ ने ‘जोलर गान’ के संस्थापक सदस्यों में से एक सैफुल इस्लाम के हवाले से बताया कि भीड़ ने आवास का मुख्य प्रवेश द्वार तोड़ने के बाद तोड़फोड़ और लूटपाट शुरू कर दी और फर्नीचर, शीशों से लेकर कीमती सामान तक लूट ले गए। भीड़ ने राहुल आनंद के 3,000 संगीत वाद्य यंत्रों के साथ पूरे मकान को आग के हवाले कर दिया।