प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आधुनिक तकनीक और ज्ञान के उपयोग के साथ लचीला बुनियादी ढांचे की वकालत करते हुए कहा कि इससे न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आपदा को रोकने में मदद मिलेगी।
डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र में एक वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा, "यह एक साझा सपना और दृष्टि है जिसे हम वास्तविकता में बदल सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "भविष्य को लचीला बनाने के लिए "रेसिलिएन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रांजीशन" की दिशा में काम करना होगा। लचीला बुनियादी ढांचा व्यापक अनुकूलन प्रयासों का केंद्रबिंदु भी हो सकता है।"
उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी बुनियादी ढांचे के विकास की कहानी के केंद्र में होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वही है जो हमारा देश करने की कोशिश कर रहा है।
प्रधान मंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, बिजली और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। पीएम ने कहा कि COP-26 में हमने अपने विकासात्मक प्रयासों के समानांतर, 2070 तक 'नेट ज़ीरो' प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।