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डोनाल्ड ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ बना कानून! क्या है यह और क्यों है चर्चा में?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी पारी में उनकी सबसे बड़ी विधायी जीत, ‘वन बिग ब्यूटीफुल...
डोनाल्ड ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ बना कानून! क्या है यह और क्यों है चर्चा में?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी पारी में उनकी सबसे बड़ी विधायी जीत, ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’, ने 4 जुलाई 2025 को व्हाइट हाउस में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान हस्ताक्षर के साथ कानून का रूप ले लिया। यह लगभग 1,000 पेज का विशाल विधेयक कर सुधार, कल्याणकारी योजनाओं में कटौती, रक्षा खर्च में वृद्धि और सांस्कृतिक नीतियों में बदलाव को एक पैकेज में समेटता है। इस बिल ने अमेरिकी संसद में तीखी बहस और विरोध के बाद 50-50 की बराबरी पर सीनेट में उपराष्ट्रपति जेडी वैन्स के टाई-ब्रेकिंग वोट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 218-214 के मामूली अंतर से पारित हुआ। ट्रम्प ने इसे “इतिहास का सबसे बड़ा बिल” करार दिया।

बिल में क्या है?

इस बिल का नाम ट्रम्प ने खुद एक रैली में दिया था, जब उन्होंने इसे “सब कुछ ठीक करने वाला एक बड़ा, सुंदर बिल” कहा। यह रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख प्राथमिकताओं—कर कटौती, कल्याणकारी खर्च में कमी, रक्षा और आप्रवास नियंत्रण में वृद्धि—को एक पैकेज में समेटता है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

1. कर सुधार: बिल में 2017 के टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट को स्थायी किया गया है, जो उच्च आय वर्ग को अधिक लाभ देता है। इसमें टिप्स और ओवरटाइम आय पर कर छूट, वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कर में राहत, और अमेरिकी निर्मित कारों के लिए ऋण पर ब्याज कटौती शामिल है। व्यक्तियों के लिए मानक कटौती को बढ़ाकर 16,000 डॉलर (व्यक्तियों) और 32,000 डॉलर (विवाहित जोड़ों) तक किया गया है।

2. कल्याणकारी कटौती: मेडिकेड और फूड स्टैम्प्स (SNAP) में 930 बिलियन डॉलर की कटौती प्रस्तावित है। मेडिकेड में 19-64 वर्ष के लाभार्थियों के लिए 80 घंटे मासिक काम की शर्त जोड़ी गई है, जिससे 2034 तक 78 लाख लोग स्वास्थ्य बीमा से वंचित हो सकते हैं। SNAP में भी काम की शर्तों का विस्तार किया गया है।

3. रक्षा और आप्रवास: बिल में रक्षा बजट में सैकड़ों बिलियन डॉलर की वृद्धि और ट्रम्प के सामूहिक निर्वासन योजनाओं के लिए 175 बिलियन डॉलर का प्रावधान है। इसमें बॉर्डर वॉल के लिए भी फंडिंग शामिल है।

4. शिक्षा ऋण में बदलाव: बिल में प्रोफेशनल डिग्री के लिए 50,000 डॉलर प्रति वर्ष और आजीवन 200,000 डॉलर की उधारी सीमा, और पैरेंट प्लस ऋण के लिए 20,000 डॉलर प्रति वर्ष और 65,000 डॉलर आजीवन की सीमा निर्धारित की गई है।

क्यों है चर्चा में?

यह बिल कई कारणों से विवादों में रहा। डेमोक्रेट्स ने इसे “अरबपतियों के लिए कर राहत” का जरिया बताते हुए इसका विरोध किया। हाउस माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज ने इसे रोकने के लिए आठ घंटे का भाषण दिया। कांग्रेशनल बजट ऑफिस ने अनुमान लगाया कि यह बिल अगले 10 वर्षों में राष्ट्रीय ऋण में 3.3 ट्रिलियन डॉलर जोड़ेगा, क्योंकि 4.5 ट्रिलियन डॉलर का राजस्व नुकसान 1.2 ट्रिलियन डॉलर की खर्च कटौती से कहीं अधिक है।

एलन मस्क जैसे कुछ रिपब्लिकन समर्थकों ने भी इसकी आलोचना की, इसे “पागलपन भरा खर्च” करार देते हुए। बिल में ग्रीन एनर्जी टैक्स क्रेडिट में कटौती और तेल ड्रिलिंग के लिए बढ़ा हुआ खर्च भी शामिल है, जिसे कुछ ने चीन को बिजली के भविष्य में बढ़त देने वाला बताया।

भारत पर प्रभाव

भारत के लिए इसका तत्काल कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं है, लेकिन आईटी, फार्मा, स्वच्छ ऊर्जा और कुशल आप्रवास जैसे क्षेत्र इस पर नजर रखेंगे। भारतीय कामगारों के लिए रेमिटेंस पर कर दर में कमी एक लाभकारी कदम हो सकता है। यह बिल 2026 के मध्यावधि चुनावों में ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक बड़ा मुद्दा बनेगा। यह उनकी आर्थिक और आप्रवास नीतियों को मजबूती देता है, लेकिन डेमोक्रेट्स और सामाजिक कार्यकर्ताओं का विरोध इसे विवादास्पद बनाए रखेगा।

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