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आतंक के मंजर में बदली पेरिस की रंगीन शाम

स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की कम से कम छह जगहों को हत्या के मंजर में तब्दील कर दिया। यह एक आम शुक्रवार की रात थी जो लहूलूहान हो गई। पेरिस के लोगों ने बार-बार इसे जनसंहार का शब्द दिया।
आतंक के मंजर में बदली पेरिस की रंगीन शाम

पूर्वी पेरिस में खचाखच भरे बाताक्लान कंसर्ट हॉल में अमेरिकी रॉक बैंड इगल्स ऑफ डेथ मेटल की प्रस्तुति को सुनने के लिए जुटे लोगों के हुजूम पर हमलावरों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने फ्रांस इन्फो रेडियो को बताया कि जब आतंकवादियों ने हत्या को अंजाम देना और लोगों को बंधक बनाना शुरू किया तो उसने उन्हें अल्लाहू अकबर का नारा लगाते सुना।

शहर की पुलिस के प्रमुख मिशेल कैदत ने बताया, हमलावरों के पास आत्मघाती बेल्ट भी थी, जिसमें उन्होंने विस्फोट कर दिया। शुक्रवार रात बेहद व्यस्त रहने वाले बेले इक्विप बार में करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में हमलावरों ने गोलियां बरसाईं। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने फ्रेंच रेडियो को बताया कि वहां हर जगह खून ही खून फैला था। ऐसे पलों में आप खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं।

पेरिस के वकील फ्रांस्वा मोलीं ने बताया कि शुरू में 18 लोगों के मरने की सूचना मिली और शवों को सफेद चादर से ढंक दिया गया। पुलिस यूनियन के एक अधिकारी जॉर्ज गूपिल ने बताया कि स्टेडियम के प्रवेश द्वार और मैकडोनाल्ड के पास दो आत्मघाती हमले और एक बम विस्फोट किए गए, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। सबसे पहले स्टेडियम में विस्फोट होते देखा गया। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को तुरंत स्टेडियम से बाहर निकाला गया और इसके तुरंत बाद आपातकाल की घोषणा कर दी गई। फ्रांस की मीडिया ने इन हमलों को गृहयुद्ध की संज्ञा दी है।

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