मालेगांव विस्फोट मामले में एक महत्वपूर्ण मोड सामने आया है।इस मामले से जुड़े एक गवाह ने अदालत को बताया कि उसे जांच एजेंसियों द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फंसाने के लिए मजबूर किया गया था।
गवाह ने विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की जांच कर रही तत्कालीन जांच एजेंसी, एटीएस द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया था।
उसने अदालत को बताया कि एटीएस ने उसे योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के चार अन्य लोगों का गलत नाम लेने के लिए मजबूर किया। इस मामले में यह ताजा खुलासे है और इससे पहले भी कम से कम 13 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं।
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के गवाहों से विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर रही है। पिछले हफ्ते भी, एक गवाह ने अपने उस बयान को वापस ले लिया था जो उसने कथित तौर पर महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के सामने दिया था।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मोटरसाइकिल से बंधा एक विस्फोटक उपकरण के फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। यह धमाका 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद में हुआ था।