ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा ब्रेग्जिट मंत्री डेविड डेविस के इस्तीफे के चंद घंटे बाद हुआ है। ये दोनों मंत्रियों के इस्तीफे को प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। इसकी वजह से देश के यूपोपीय यूनियन से अलग होने से पहले अनिश्चितता के कयास लगाए जा रहे हैं।
कैबिनेट में ब्रेग्जिट समर्थक माने जाने वाले बोरिस जॉनसन सोमवार की सुबह डाउनिंग स्ट्रीट के निकट बने अपने कार्यालय में नहीं आए थे। इसके बाद से ही उनके प्रधानमंत्री के साथ विवाद की बाद उठने लगी थी। डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने बताया कि दोपहर में प्रधानमंत्री ने जॉनसन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही उनकी जगह किसे यह जिम्मेदारी दी जाएगी इसकी घोषणा की जाएगी। जॉनसन जून 2016 से विदेश मंत्री थे। गौरतलब है कि ब्रिटेन 29 मार्च 2019 को 28 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन ने बाहर आने वाला है।
इससे पहले ब्रेग्जिट मंत्री डेविड डेविस ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे की यूरोपीय संघ से निकास की योजना को लेकर पनपे मतभेदों का हवाला देते हुए सरकार से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि वह मे के खिलाफ किसी तरह के विरोध का समर्थन नहीं करने जा रहे। ब्रेग्जिट मामलों से संबंधित नीति पर कैबिनेट के फैसले के कुछ ही दिन बाद ब्रेग्जिट मामलों के मंत्रालय से इस्तीफा देने वाले डेविस ने कहा कि सरकार की बातचीत की स्थिति के बारे में उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है।
डेविस ने मे को लिखे पत्र में कहा कि इस नीति के आम निर्देश हमें बातचीत की कमजोर स्थिति में लाकर छोड़ देंगे और संभवत: उससे बच निकलना भी मुश्किल होगा। अपने त्यागपत्र में डेविस ने मे को कहा कि नीति और रणनीति का मौजूदा चलन ब्रिटेन के एकल बाजार और यूरोपीय संघ को छोड़ने की संभावना को बहुत कम कर रहा है।