फेक न्यूज के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म्स से रूस और ईरान से जुड़े सैंकड़ों खातों को हटाया है जो अविश्वसनीय या झूठी खबरों को फैलाने में लगे थे।
फेसबुक के अनुसार उसने ईरान और रुस में 652 ऐसे फेसबुक खातों या पेजेज को हटा दिया है जो आपस में गुटबनाकर अविश्वनीय पोस्ट्स फैलाने में लगे थे। इन फर्जी खातों राजनीतिक समग्री भी शामिल थी।
फेसबुक ने इ्स दिशा में पिछले एक साथ से बेहद सक्रीय रवैया अपनाया है। खासकर तब से, जब ऐसी खबरें आनी शुरु हुईं कि रुस ने अपने एजेंट्स के माध्यम से साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने वाला सफल अभियान चलाया था। अन्य सोशल मीडिया संस्थानों ने भी इस तरह की झूठी खबरें फैलाने के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है।
पिछले महीने ही फेसबुक ने 32 फेसबुक खातों को लेकर इसी तरह की कार्रवाई की थी। ये फर्जी खाते भी कथित रुप से रूस से जुड़े थे और नंवंबर में अमेरिका में होने वाले मध्यावधि चुनाव को प्रभावित कर सकते थे। इसके बाद एक गुट का पता चला जो सोशल मीडिया के माध्यम से मध्यपूर्व में अमेरिकी नीति सहित विदेश नीति प्रभावित करने की फिराक में था।
फेसबुक के इस कार्यवाई के बाद ट्विटर ने भी 284 खातों को बंद कर दिया। इनमें से अधिकतर ईरान से चलाए जा रहे थे। इससे एक दिन पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने भी रुस द्वारा अमेरिका में फर्जी वेबसाइट्स बनाने के प्रयास के बारे में जानकारी दी थी। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार ये कोशिशें जासूसी करने के लिहाज से की जा रही थीं।
मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि “इन सोशल मीडिया सेवाओं का दुरुपयोग करने के लिए लोग किसी भी हद तक जा रहे हैं। और अब तो इस सब में राष्ट्र-राज्य भी शामिल हो गए हैं।“ उन्होंने इन अभियानों को बेहद ‘करीने’ से चलाए जाने वाला बताया जिन्हें बकायदा फंड मुहैया किया जा रहा है। मार्क जुकरबर्ग के अनुसार ऐसे प्रयास रुकने वाले नहीं हैं।