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लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलट हड़ताल पर, 800 उड़ानें रद्द, उड़ानें निरस्त होने पर दिल्ली में हंगामा

जर्मनी के पायलट आज यानी शुक्रवार को एक दिनी हड़ताल पर हैं। इसके कारण देश की अग्रणी लुफ्थांसा एयरलाइंस...
लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलट हड़ताल पर, 800 उड़ानें रद्द, उड़ानें निरस्त होने पर दिल्ली में हंगामा

जर्मनी के पायलट आज यानी शुक्रवार को एक दिनी हड़ताल पर हैं। इसके कारण देश की अग्रणी लुफ्थांसा एयरलाइंस ने 800 से ज्यादा फ्लाइट निरस्त कर दी है। इसके कारण 1.30 लाख से ज्यादा यात्री प्रभावित हुए हैं। उड़ान निरस्त होने से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर बीती रात यात्रियों ने हंगामा किया। इसके कारण एयरपोर्ट पर आवाजाही में बाधा पड़ी।

बता दें कि जुलाई महीने में लुफ्थांसा एयरलाइंस के लाजिस्टिक एवं टिकटिंग कर्मचारियों भी एक दिन की हड़ताल पर गए थे, जिसकी वजह से 1000 उड़ानों को रद्द करना पड़ा था।

जर्मनी की पायलट यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर आज हड़ताल का एलान किया है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, पायलटों की हड़ताल के चलते लुफ्थांसा एयर लाइन की 800 उड़ानें रद्द होने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने के कारण करीब 1.30 लाख यात्रियों पर असर पड़ सकता है।

आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी ने बताया कि रात करीब 12 बजे 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट नं. 1 व टर्मिनल नंबर 3 के सामने जमा हो गई। ये लोग लुफ्थांसा की फ्रेंकफर्ट व म्युनिख की उड़ानें निरस्त होने के कारण यात्रियों का पैसा रिफंड करने या वैकल्पिक उड़ान की मांग कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल के बाहर भीड़ जमा होने से अन्य यात्रियों को आवाजाही में दिक्कत होने लगी। इसके बाद आईजीआई के स्टाफ व सीआईएसएफ के जवानों ने स्थिति संभाली और भीड़ को दूर किया। डीसीपी ने कहा कि जर्मन एयरलाइंस के यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ान के प्रबंध किए जा रहे हैं।

 

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण एयरलाइंस कंपिनयों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इससे कई कंपनियों की हालात बेहद खस्‍ता हो गई। इनमें भारत की ही नहीं, विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं। लुफ्थांसा एयरलाइंस भी इसी मुश्किल दौर से गुजर रही है। पायलटों की यूनियन का आरोप है कि कंपनी नए कर्मचारियों को भर्ती नहीं कर रही है, जिसकी वजह से मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है।

 

 

 

 

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