जेटली ने वाशिंगटन में अपने सम्मान में अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना द्वारा दिये गये भोज में कहा, हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में आज अहम बात यह है कि जहां तक आर्थिक सुधारों की बात है तो शायद पहली बार उसे इतने बड़े पैमाने पर जन समर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि अतीत में सरकारों ने जो भी सुधार किए वे विभिन्न चरणों में किये गये और सरकारें हमेशा यही महसूस करती रहीं कि उन्हें उसकी राजनीतिक कीमत चुकानी होगी, इसलिये वह कुछ सुधारों को आगे बढ़ाने के बाद चुप बैठ जातीं थीं।
उन्होंने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों, राजनयिकों, कोरपोरेट नेताओं, विचारकों और भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा, निश्चित तौर पर दुनियाभर में लोग इस बात को लेकर आशंकित थे कि भारत कुछ कदमों को उठाने में कितना समय लेगा। मैं समझता हूं कि वह दौर अब पीछे छूट चुका है। वित्त मंत्री ने कहा कि बार-बार के चुनावों में यही संकेत मिलता है लोग सुधारों के प्रति ज्यादा आकांक्षी एवं उसके पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत ने सात से आठ फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है जबकि इस दौरान दुनिया मंदी की दौर में रही। उन्होंने कहा, यह वह वृद्धि दर है जिसे हमने पूरी तरह कायम रखा है। इस दौरान हमारे सारे अन्य आर्थिक मापदंड पूरी नियंत्राण में जान पड़ते हैं।
उन्होंने कहा, हमने पिछले कुछ सालों में देखा है, 7-8 फीसदी वृद्धि दर अब भारत में सामान्य बात हो गयी। हमने 7.2 फीसदी की दर से विकास किया, फिर 7.9 फीसदी की दर से वृद्धि की, अब 7.1 फीसदी रहने की संभावना है तथा अगले साल इसके और ऊपर जाने की उम्मीद है।