करजई ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ाई भी की और कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत के लोगों की समस्याओं को बखूबी समझता है। उन्होंने कहा कि मोदी ने बलूचिस्तान पर जो कहा वही सच है।
दिल्ली में एक समारोह में उन्होंने कहा कि आतंकवाद इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती है और उसे पराजित करने के लिए एकजुट संघर्ष किया जाना चाहिए। वर्ष 2001-2014 के दौरान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे करजई ने कहा कि चीन अफगानिस्तान के लिए अच्छा पड़ोसी रहा है तथा उनके देश के प्रति उसकी सैन्य एवं सुरक्षा सहायता अभी हाल तक है लेकिन चीन के साथ अफगानिस्तान का रिश्ता भारत जितना गहरा नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि चीन और अफगानिस्तान का संपूर्ण संबंध निःसंदेह बहुत अच्छा है। कुछ वर्गों की इस आलोचना पर कि भारत और पाकिस्तान उनके देश में छद्म युद्ध में लगे हैं, करजई ने तपाक से कहा, भारत अफगानिस्तान में किसी छद्म युद्ध में नहीं लगा है। अफगानों को प्रशिक्षण देना कोई छद्म युद्ध नहीं है, यह सशक्तिकरण है। भारत ने अफगान सुरक्षाबलों को प्रशिक्षण देने के अलावा अफगानिस्तान को चार एमआई 25 हेलीकॉप्टर भी दिए हैं। (एजेंसी)