मेपल रिज और पिट मिडोज के सांसद, मार्क डाल्टन ने तारीफ करते हुये जब सारी बाधाओं को पार कर समाज के गरीब तबके के छात्रों को प्रमुख संस्थानों तक पहुँचने में मदद करने के “सुपर 30 के प्रेरणादायी कार्य” का ज़िक्र किया तो कनाडा की संसद में सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार का नाम गूँज उठा। मार्क डाल्टन ने आनंद कुमार को ऐसा व्यक्ति बताया जो भारत में गरीब विद्यार्थियों के लिए लगातार कई वर्षों से काम कर रहें हैं |
उन्होंने हृतिक रोशन की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘सुपर 30’ की सफलता की भी चर्चा करते हुये सुपर 30 पुस्तक के लेखक भारत में जन्मे और कनाडा के नागरिक डॉ बीजू मैथ्यू की तारीफ की | सुपर 30 फिल्म को बीजू मैथ्यू द्वारा लिखित पुस्तक से प्रेरित बताया । पुस्तक में कुमार का सफरनामा और गरीब वर्गों के लिए कुछ करने की उनकी इच्छा का सार है।
फिल्म की रिलीज के बाद, 20 सितंबर को कनाडा में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के लिए आनंद कुमार को न्योता दिया गया था। स्क्रीनिंग के बाद स्टेज पर ही उनका इंटरव्यू हुआ। ब्रिटिश कोलंबिया की पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री लीसा बेयर भी फिल्म की स्क्रीनिंग के मौके पर मौजूद थीं।
अपने अनोखे कार्यक्रम के अंतर्गत, कुमार 30 गरीब लेकिन पढ़ाई में मेधावी छात्रों को अपने कोचिंग प्रोग्राम में शामिल करते हैं। उन्हें सबकुछ मुफ्त में मिलता है और इस सुविधा की बदौलत वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की प्रतिष्ठित, बेहद प्रतिस्पर्धी और चुनौतीपूर्ण प्रवेश परीक्षा में अपनी किस्मत आज़माते हैं।
साल 2012 में भी आनंद कुमार को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर स्थित साउथ एशियन कल्चरल सोसाइटी की ओर से राज्य स्तर पर आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था।
उस कार्यक्रम में ब्रिटिश कोलंबिया सरकार में एडवांस्ड एजुकेशन विभाग की मंत्री, नाओमी यामामोटो ने उन्हें ‘विलक्षण प्रतिभा के धनी’ शिक्षक कहा था। यामामोटो ने कहा था, “शिक्षण का आपका असाधारण करियर सराहनीय है। हम पूरी दुनिया के विशिष्ट प्रयोगवादियों और विद्वानों का गर्व से स्वागत करते हैं और मुझे आनंद कुमार का ब्रिटिश कोलंबिया में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने शिक्षा के प्रकाश को समाज के अंधेरे कोने तक उल्लेखनीय ढंग से फैलाया है।”
बाद में, कुमार कनाडा भी गए और उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी को संबोधित भी किया। वैंकूवर के एक भव्य आयोजन में, डाल्टन ने सरकार की और से आनंद को एक प्रशस्ति पत्र भी दिया। उसके बाद से ही, डाल्टन कुमार और उनके कार्यों की जानकारी रखते हैं।