पिछले साल दुनिया भर में लगभग 1.5 अरब स्मार्टफोन खरीदे गए थे। शौधकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन निर्माता टिकाऊ और कम कीमत के मेटिरियल की तलाश में थे, इसलिए इसको बनया गया है। लंदन की क्वीन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि जब C60 के ऊपर ग्रेफेन और एचबीएन की परत चढ़ा देते हैं तो उसमें एक क्रांतिकारी बदलाव आता है। इसके बाद जो मेटिरियल बनता है, उससे जो स्मार्ट डिवाइस बनेंगी वो जबरदस्त मजबूत होंगी। इनके बनाने की प्रक्रिया को वैन डेर वाल्स सॉलिड कहा जाता है। क्वीन यूनिवर्सिटी के एल्टन सैंटोस का कहा है कि, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि इस नई 'चमत्कारिक सामग्री' में सिलिकॉन के समान ही भौतिक गुण हैं और साथ ही इसके टूटने की संभावना भी बहुत कम होती है। सैंटोस का कहना है कि इस मेटिरियल की वजह से डिवाइस पहले की तुलना में कम ऊर्जा का उपयोग करेगी, जिससे बैटरी के जीवन में सुधार हो सकता है और साथ ही इस मेटिरियल में बिजली के झटके भी कम पड़ेंगे। फिलहाल इस खौज से स्मार्टफोन यूजर काफी खुश है।
चमत्कारिक मेटिरियल से बनेंगे कम टूटने वाले स्मार्टफोन
                                वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चमत्कारिक मेटिरियल बनाया है जिससे बनी चीजों के टूटने की संभावना बहुत कम होगी। बताया जा रहा है कि इस मेटिरियल से स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस बनाई जा सकती हैं। गौरतलब है कि अभी तक स्मार्टफोन के अधिकांश हिस्सें सिलिकॉन और अन्य यौगिकों से बने होते हैं, जो  महंगे तो हैं ही साथ ही आसानी से टूट भी जाते हैं।                              
                            
                        
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