हार्ट ऑफ एशिया के छठे सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने देश के पुननिर्माण में भारत की सहायता की तारीफ की और कहा कि संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में नई दिल्ली की बढ़ती सहभागिता में कोई गुप्त समझौते नहीं हैं। सीमापार आतंकवादी हमलों से इनकार करने की पाकिस्तान की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए गनी ने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से कौन लाभ प्राप्त कर रहा है, यह पता लगाने के लिए एक एशियाई या अंतरराष्ट्रीय प्रणाली बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कदम उठाने का समय आ गया है और तालिबान के एक शीर्ष कमांडर ने भी कहा था कि अगर पाकिस्तान में आतंकी पनाहों को नहीं रहने दिया जाए तो संगठन एक महीने भी नहीं टिक पाएगा। उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, हम अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए 50 करोड़ डॉलर के संकल्प के लिए पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि अजीज इस धन का इस्तेमाल आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए बहुत अच्छी तरह कर सकते हैं क्योंकि बिना शांति के कोई भी सहायता राशि हमारी जनता की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगी। सम्मेलन का संयुक्त उद्घाटन गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी शामिल हुए हैं।
गनी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के बावजूद अफगानिस्तान के सत्ता परिवर्तन पर ब्रशेल्स में हाल ही में हुए सम्मेलन के बाद अघोषित जंग तेज हो गई है जो 2014 की सर्दियों में छेड़ी गई थी।
उन्होंने आतंकवाद को रोकने के लिए एक वैश्विक कोष भी बनाने की मांग की। गनी ने कहा, एक एशियाई या अंतरराष्टीय व्यवस्था, जो भी पाकिस्तान को स्वीकार्य हो, बनाई जानी चाहिए ताकि सीमावर्ती गतिविधियों और आतंकवादी अभियानों की पड़ताल की जा सके।
उन्होंने कहा कि हम आरोप-प्रत्यारोप नहीं चाहते। हम सत्यापन चाहते हैं। गनी ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने के लिए एक निधि की स्थापना चाहते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के सत्ता परिवर्तन में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की मदद पारदर्शी है और कोई तार नहीं जुड़ा है साथ ही जोड़ा कि अफगानिस्तान और भारत के बीच कोई गुप्त समझौते नहीं हैं। मोदी की अफगानिस्तान यात्रा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सलमा डैम के उद्घाटन के बाद पूरे अफगानिस्तान में स्वत: स्फूर्त जश्न मनाया जाने लगा।
उन्होंने दो अरब डॉलर के अलावा एक अरब डॉलर की और सहायता के लिए भी भारत का शुक्रिया अदा किया। (एजेंसी)