पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है। बाजवा को अपने पद से 29 नवंबर को रिटायर होना था लेकिन पीएम इमरान खान ने उनके रिटायरमेंट से तीन महीने पहले उनके सेवा विस्तार का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिफिकेशन को सस्पेंड कर सरकार को नोटिस जारी किया है। सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 59 वर्षीय बाजवा के 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से ठीक पहले आया है। बाजवा के सेवा विस्तार के खिलाफ याचिका रायज राही नामक एक व्यक्ति ने दायर की थी, जिसने बाद में इसे वापस लेने के लिए एक आवेदन दिया। हालांकि, चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने इस आवेदन को खारिज कर दिया और इसे अनुच्छेद 184 के तहत जनहित याचिका के रूप में लिया।
सरकार को कोई अधिकार नहीं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि 19 अगस्त को मामले पर जारी नोटिफिकेशन में एक 'विस्तार' का उल्लेख किया गया था, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सेना प्रमुख को फिर से नियुक्त किया गया है। खोसा ने कहा, "नियमों के अनुसार, सेना प्रमुख के कार्यकाल या उनकी पुन: नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं है। सरकार केवल उनकी सेवानिवृत्ति को सस्पेंड कर सकती है और सेना प्रमुख अभी तक सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं।"
राष्ट्रपति को ही सेवा विस्तार का अधिकार
प्रधान मंत्री खान ने "क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण" का हवाला देते हुए जनरल बाजवा के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी दी थी। सुनवाई के दौरान खोसा ने कहा कि केवल पाकिस्तान के राष्ट्रपति ही सेना प्रमुख के कार्यकाल का विस्तार कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के प्रतिनिधि से पूछा कि क्या कैबिनेट की मंजूरी से ये फैसला लिया गया था। इस पर अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि 25 सदस्यों में से 11 इसके पक्ष में थे जबकि 14 सदस्यों ने इस पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की। इस पर चीफ जस्टिस ने सरकार के नोटिफिकिशन को सस्पेंड करते हुए सेना प्रमुख, सरकार और रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी कर दिया।
भारत पाकिस्तान के बिगड़ गए थे संबंध
5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जे को रद्द करने के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बिगड़ गए थे। इमरान खान ने बाजवा के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए इस्लामाबाद द्वारा अमेरिका और तालिबान आतंकवादियों के बीच चल रही अफगान शांति वार्ता को भी ध्यान में रखा।