प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी में पहले हिंदू मंदिर की नींव रखे जाने के गवाह बनें। प्रधानमंत्री ने इस भव्य मंदिर के लिए 125 करोड़ भारतीयों की ओर से शहजादा मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि या मंदिर ना सिर्फ वास्तुकला और भव्यता के दृष्टिकोण से अद्भुत होगा बल्कि यह पूरी दुनिया के लोगों को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश भी देगा।’’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यहां भारतीय मूल के तीस लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। मंदिर समिति के सदस्यों ने मंदिर से संबंधित साहित्य मोदी को कल रात यहां पहुंचने पर दिया। प्रधानमंत्री यूएई की 2015 की अपनी यात्रा के बाद दूसरी बार यहां आए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, “दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर बनने वाला यह अबू धाबी का पहला पत्थर से निर्मित मंदिर होगा।”
यूएई में भारत के राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने कहा, ‘‘अबू धाबी में प्रथम हिंदू मंदिर 55000 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा और रविवार को होने वाला इसका शिलान्यास ऐतिहासिक होगा।’’
सूरी ने कहा कि रविवार को आप शिलान्यास समारोह देखेंगे जो दुबई ओपेरा हाउस से होगा। यह परंपरा का प्रौद्योगिकी से मिलना है। इस मंदिर का निर्माण भारतीय शिल्पकार कर रहे हैं। यह 2020 में पूरा होगा।
बीएपीएस के एक प्रवक्ता ने कहा, यह मध्यपूर्व में पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर होगा।
बोचसानवसी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस), 1 9 07 में स्थापित एक सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू संगठन है जो दुनिया भर के 1100 से अधिक मंदिरों और सांस्कृतिक यौगिकों को चलाता है।