पनामा पेपर्स घोटाले में सुनवाई का सामना करने के लिए आज 17वीं बार कोर्ट में पेश हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने विरोधियों को चेतावनी दी है। नवाज ने कहा कि वे उन्हें ‘सजा’ नहीं दिला पाएंगे।
67 वर्षीय शरीफ अपनी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मोहम्मद सफदर के साथ इस्लामाबाद स्थित एक भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई की शुरूआत में कोर्ट को सूचित किया गया कि जानी मानी वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता अस्मा जहांगीर का रविवार को लाहौर में निधन होने के बाद तीन दिवसीय शोक मनाने के मद्देनजर वकील कोर्ट में नहीं आ रहे हैं।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गवाह बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित हैं, लेकिन न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने सुनवाई 15 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। शरीफ और उनके परिवार के कुछ सदस्य लंदन में संपत्तियों के स्वामित्व के संबंध में आरोपों का सामना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने अघोषित आय को लेकर शरीफ को अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद उन्होंने जुलाई में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
एनएबी ने शरीफ, उनके बच्चों और दामाद के खिलाफ आठ सितंबर को कोर्ट में तीन मामले दर्ज किए थे। शरीफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जवाबदेही के नाम पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘वे (विरोधी) नवाज (शरीफ) को सजा दिलाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं है, इसलिए पूरक मामले दर्ज किए जा रहे है। वे नाकाम रहेंगे क्योंकि पाकिस्तान के लोग हमारे साथ हैं।’
शरीफ ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को देश वापस लाने में नाकाम रहने पर कोर्ट की भी आलोचना की, जो उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में बचकर दुबई में रह रहे हैं। देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवार और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी का नेतृत्व कर रहे शरीफ का राजनीतिक भविष्य अधर में लटका हुआ है। दोषी पाए जाने पर उन्हें कारावास की सजा हो सकती है।