फेसबुक के फाउंडर और CEO मार्क जकरबर्ग मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस कमेटी में डेटा लीक स्कैंडल पर सफाई देने के लिए पेश होंगे। वहीं, इससे पहले उन्होंने लिखित में माफी भी मांगी है। जकरबर्ग ने कमेटी के सामने अपनी पेशी से ठीक पहले एक लिखित बयान दिया है। बयान में उन्होंने कहा, 'हमने अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभाया। यह एक बड़ी गलती थी। यह मेरी गलती थी और इसके लिए मैं माफी चाहता हूं। मैंने फेसबुक शुरू किया, मैंने इसे चलाया और इसमें जो कुछ होगा, उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं।'
आरोप है कि डेटा एनालिसिस फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिका में 5 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स के डेटा में सेंधमारी करके इसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में किया है। इस मामले में फेसबुक की भूमिका संदेह के दायरे में है और फेसबुक इसे लेकर लगातार आलोचना झेल रहा है। फेसबुक पर आरोप हैं कि उसने अपने यूजर्स के डेटा को बेचा है। जकरबर्ग अमेरिकी कांग्रेस को बताएंगे कि फेसबुक यूजर्स के लिए कितना सेफ है।
जकरबर्ग ने माना कि फेसबुक से हुई है गलती
यूएस कांग्रेस में पेशी से पहले मार्क जकरबर्ग ने स्वीकार किया है कि पिछले कुछ सालों में फेसबुक से गलती हुई और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी है। वे इसे सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए तैयार हैं। मार्क जकरबर्ग ने सोमवार को एक लंबे फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 2018 में फेसबुक के इंटरफेस को सुरक्षित रखना और चुनाव के दौरान फेसबुक के माध्यम से गलत जानकारी फैलने से रोकना उनकी दो प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी।
डेटा में सेंधमारी रोकने के लिए फेसबुक उठाएगा ये कदम
मार्क जकरबर्ग ने लिखा है कि इसके लिए उनकी कंपनी कुछ जरूरी कदम उठाने वाली है। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर उन कदमों के बारे में जानकारी दी, जो इस प्रकार हैं- हम एक नया एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल बनाएंगे जो हजारों फेक अकाउंट्स की पहचान करके उन्हें डिलीट करेगा. इसके अलावा, यह एआई सभी राजनीतिक विज्ञापनदाताओं और बड़े पेज के एडमिन्स को वेरिफाई करेगा. इसके साथ ही ऐड ट्रांसपैरेंसी टूल लॉन्च करेगा। हम एक स्वतंत्र इलेक्शन रिसर्च कमिशन बनाएंगे. जो चुनाव और लोकतंत्र पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर रिसर्च करेगा।
अपना काम सार्वजनिक रूप से साझा करेगा फेसबुक
उन्होंने आगे लिखा कि इसके लिए फेसबुक अमेरिका के कई संगठनों से बात कर रही है ताकि शिक्षाविदों और रिसर्चर्स की एक कमेटी बनाई जा सके। हम उन रिसर्चर्स को अपने रिसोर्स का पूरा इस्तेमाल करने देंगे ताकि वे चुनाव में फेसबुक की भूमिका को लेकर निष्पक्ष राय दे सकें। इसके साथ ही इस पर भी हमे राय दे सकें कि हम अपने प्लेटफॉर्म पर रिस्क हैंडलिंग कैसे कर रहे हैं और हमें सुझाव दे सकें कि आने वाले चुनावों से पहले हम क्या कदम उठा सकते हैं। वे अपना काम सार्वजनिक रूप से शेयर कर सकेंगे और इसके लिए उन्हें हमारे अप्रूवल की आवश्यकता नहीं होगी।