अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत, अमेरिका समेत कई देश बड़े स्तर पर रेस्क्यू मिशन चला रहे हैं। लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने का काम लगातार जारी है। इस बीच, काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो जगहों पर आत्मघाती हमला हुआ है। एक धमाका एयरपोर्ट के गेट पर हुआ है जबकि दूसरा हमला होटल के पास हुआ है।
रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि काबुल हवाईअड्डे के बाहर दूसरा विस्फोट हुआ है। दोहरे आत्मघाती हमलों में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। रॉयटर्स ने तालिबान प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि ब्लास्ट में बच्चों समेत कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है।
अमेरिका रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'हम ये कंफर्म कर सकते हैं कि आबे गेट पर धमाका हुआ है। इसकी वजह से अमेरिकी और अन्य नागरिक हताहत हुए हैं। हम यह भी कंफर्म कर सकते हैं कि एक और धमाका बेरन होटल के नजदीक हुआ है। आबे गेट और बेरन होटल के बीच की दूरी कम है। हम अपडेट देना जारी रखेंगे।''
हमले को लेकर ब्रिटेन की इंटेलीजेंस ने आगाह किया था। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जेम्स हिप्पी ने कहा था कि ये ऐसा खतरा है जिसकी डीटेल मैं आपको नहीं दे सकता हूं लेकिन ये खतरा बहुत नजदीक है, बहुत विश्वसनीय और बहुत घातक है।
काबुल एयरपोर्ट से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने कुछ घंटे पहले ही हमले की आशंका जताई थी। दिन में कई देशों ने लोगों से एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी। काबुल एयरपोर्ट के बाहर हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिका समेत कई देशों की खुफिया एजेंसियों ने हमले की चेतावनी जारी की थी। अफगानिस्तान में अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत रॉस विल्सन ने सुबह कहा था कि काबुल हवाईअड्डे पर सुरक्षा संबंधी खतरा है जिसकी वजह से विदेश विभाग को अमेरिकियों से संबंधित हवाईअड्डे की परिधि से दूर रहने का आग्रह करना पड़ा है।
इससे पहले, इटली के एक सैन्य विमान के काबुल एयरपोर्ट से उड़ने के बाद उसपर फायरिंग की गई थी। हालांकि, इस घटना में विमान को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा था।
अहमद मसूद के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने कहा कि अब तक कोई भी डील नहीं हुई है, बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ एक पंजशीर प्रांत के लिए नहीं, बल्कि पूरे अफगानिस्तान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हम अफगानों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में चिंतित हैं। तालिबान को समानता और अधिकारों का आश्वासन देना होगा।
सर्वदलीय बैठक केबाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि कुल 31 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया। हर किसी के सवाल का जवाब दिया गया है, सभी लोग इस मसले पर एक साथ हैं। एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि हम लगातार लोगों को वापस ला रहे हैं, सबसे अधिक भारतीयों को वापस लाया गया हैय़ साथ ही अफगान नागरिकों को भी भारत वापस लाया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सभी नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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