नियंत्रण रेखा के उस पार आंकवादियों के सात ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए भारत के लक्षित हमलों के मद्देनजर बान के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर गहरी चिंता के साथ स्थिति पर निस्संदेह नजर रख रहा है। उन्होंने कल संवाददाताओं से कहा, भारत एवं पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह यूएनएमओजीआईपी संघर्ष विराम उल्लंघनों के बारे में जानता हैं और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्राधिकारियों के संपर्क में है। दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र भारत एवं पाकिस्तान की सरकारों से संयम बरतने की अपील करता है और उन्हें शांतिपूर्वक एवं वार्ता के जरिए आपसी मतभेद सुलझाने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
दुजारिक से जब दक्षेस शिखर सम्मेलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने दक्षेस शिखर सम्मेलन के रद्द होने के बारे में रिपोर्ट नहीं देखी है। दक्षेस सम्मेलन नवंबर में इस्लामाबाद में होने का कार्यक्रम है। भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार से आतंकवाद का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया है। भारत की घोषणा के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ने का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया। सुरक्षा परिषद के 1971 के प्रस्ताव 307 में दिए गए जनादेश के अनुसार यूएनएमओजीआईपी जम्मू-कश्मीर में दोनों पड़ोसी देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर और उसके पार तथा कामकाजी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघनों पर नजर रखेगा और उन पर रिपोर्ट देगा लेकिन भारत ने बार-बार यह कहा है कि यूएनएमओजीआईपी ने अपनी प्रासंगिकता खो दी है और उसकी अब कोई भूमिका नहीं है।
भाषा