संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बुधवार रात में बंद कमरे में बैठक होगी। पिछले महीने नाकाम होने के बाद कश्मीर मुद्दे पर चीन ने फिर चर्चा का अनुरोध किया है। हालाकि उसकी इस कोशिश की कामयाबी को लेकर शंकाएं भी हैं क्योंकि बाकी देश इसका विरोध कर सकते हैं। बंद कमरे की बैठक पूरी तरह अनौपचारिक होती है और इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता।
फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों के मुताबिक,फ्रांस को यूएनएससी के एक सदस्य की तरफ से एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने का अनुरोध मिला है और पिछली बार की तरह इस बार भी वह इसका विरोध करेगा। असल में यूएनएससी ने एक अफ्रीकन देश से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बंद कमरे में बैठक बुलाई गई है। चीन ने 'अन्य विषय' एजेंडा के तहत कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए अनुरोध किया है।
फ्रांस भारत के रूख से सहमत
फ्रांस के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और वह पूरी तरह साफ है कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय बातचीत से हल होना चाहिए। फ्रांस तमाम मौकों पर अपने इस रुख को स्पष्ट कर चुका है और वह सुरक्षा परिषद में भी इस रुख को बार-बार दोहराएगा। पिछले महीने भी फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए 'बंद कमरे में बैठक' की चीन की कोशिशों को नाकाम किया था।
पहले भी की थी मांग
पिछले साल 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला लिया था। इसी मुद्दे पर पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने अगस्त में भी यूएनएससी में चर्चा की मांग की थी हालांकि यूएनएससी सदस्यों ने सार्वजनिक चर्चा के लिए चीन की मांग को खारिज कर दिया इसके बजाय संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद एक प्रावधान के तहत कश्मीर पर एक निजी चर्चा के लिए सहमत हुआ, जिसमें मतदान की जरूरत नहीं होती।