स्कारामूची 10 दिन पहले ही इस पद पर नियुक्त हुए थे। एंथनी बीते 10 दिनों में वाइट हाउस में अहम पद से हटाए जाने वाले चौथे अधिकारी हैं। स्कारामुची की नियुक्ति सीन स्पाइसर के इस्तीफे के बाद उनकी जगह की गयी थी। हाल ही में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में एंथनी ने अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया। एंथनी ने वाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ रेन्स प्रीबस के लिए अपमानजनक बात कही थी। इससे पहले रेन्स प्रीबस और प्रवक्ता सीन स्पाइसर को भी एंथनी की नियुक्ति के चलते पद से हटना पड़ा था। एंथनी के हटाने का फैसला ट्रंप के नए चीफ ऑफ स्टाफ जॉन कैली की ओर से लिया गया।
वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा ने अपने बयान में कहा, ''जॉन कैली वाइट हाउस में अनुशासन लाएंगे, सारा स्टाफ अब उन्हें सीधा रिपोर्ट करेगा। एंथनी ने जिन शब्दों का प्रयोग किया, वो उस पद पर बैठे शख्स को शोभा नहीं देते। '' एंथनी को बाहर का रास्ता दिखाने वाले जनरल जॉन कैली ने सोमवार को ही चीफ ऑफ स्टाफ पद की शपथ ली है. इससे पहले वो होमलैंड सिक्योरिटी के सेक्रेटरी पद पर तैनात थे।
इससे पहले माइक डुबके ने कम्यूनिकेशन डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था जो ट्रंप प्रशासन के लिए पहला झटका था। सीन स्पाइसर इस पद से जुड़ी जिम्मेदारियों को अंतरिम रूप से संभाल रहे थे। उनके इस्तीफे के बाद स्कारामुची ये पद संभाल रहे थे।
सैली येट्स
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2017 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रुप में कार्यभार संभाला था। इसके कुछ दिनों बाद ही ट्रंप ने उनके आदेशों की निंदा करने वाली कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली येट्स को बर्खास्त कर दिया था। कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली ने न्यायिक विभाग से कहा था कि वह प्रवासियों पर राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश का बचाव न करे। सैली येट्स की नियुक्ति अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी।
माइकल फ्लिन
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के साथ ही अपने कैबिनेट के चुने गए कुछ प्रमुख लोगों के नामों का ऐलान किया, जिसमें उन्होंने अपने विश्वस्त सैन्य सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) माइकल फ्लिन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया था। नियुक्ति के 25 दिनों के भीतर ही फ़्लिन ने सुरक्षा सलाहकार के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
माइकल फ़्लिन पर ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका में रूसी राजदूत से प्रतिबंधों के संबंध में चर्चा करने का आरोप लगा था, जिसे विदेश नीति का उल्लंघन माना गया था। राष्ट्रपति नियुक्त होने के एक महीने के अंदर ही ट्रंप प्रशासन के लिए ये एक दूसरा बड़ा झटका था।
जेम्स कोमे
माइकल फ्लिन के बाद एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ट्रंप प्रशासन के तीसरे अधिकारी बने जिन्हें उनके पद से निष्कासित किया गया। कोमे इस संबंध में जांच का नेतृत्व कर रहे थे कि ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम का संबंध अमेरिकी चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप से है या नहीं। ट्रंप ने एक पत्र में कोमे से कहा कि वह ब्यूरो का प्रभावशाली रुप से नेतृत्व करने के लिए अब सक्षम नहीं है और इसमें 'लोगों का विश्वास' पुन: कायम करना आवश्यक है। इस वजह से आपको तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है और कार्यालय से हटाया जाता है।'
यह आश्चर्यजनक कदम ऐसे समय में उठाया गया था जब कुछ ही दिन पहले कोमे ने चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और रूस एवं ट्रंप की मुहिम के बीच संभावित साठ-गांठ पर एफबीआई की जांच के बारे में कैपिटल हिल के समक्ष बयान दिया था। कोमे को बर्खास्तगी का नोट उस समय मिला जब वह लॉस एंजिलिस में एफबीआई एजेंटों को संबोधित कर रहे थे। उनके 10 साल के कार्यकाल का यह चौथा साल था।
माइक डुबके
इसी साल मई में माइक डुबके ने ट्रंप प्रशासन से नाखुश होकर संचार निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से यह पद खाली थी और स्पाइसर इससे जुड़ी जिम्मेदारियों को अंतरिम रूप से संभाल रहे थे। उन्होंने स्कारामुची को नियुक्त करने के ट्रंप के फैसले का कड़ा विरोध किया था।
सीन स्पाइसर
माइक डुबके के इस्तीफा देने के 2 महीने के भीतर ही अमेरिका में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सीन स्पाइसर नए संचार निदेशक के पद पर न्यूयॉर्क के फाइनेंसर एंथनी स्कारामुची की नियुक्ति के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से नाराज थे। उन्होंने ट्रंप को बताया क व्हाइट हाउस के नए संचार निदेशक के पद पर स्कारामुची की नियुक्ति से वह सहमत नहीं है और उनका मानना है कि इस पद पर उनकी नियुक्ति बड़ी गलती है।
डेविड रैंक
इसी साल जून में चीन में अमेरिकी दूतावास के शीर्ष राजनयिक डेविड रैंक ने अपना पद छोड़ दिया था। उन्होंने अपने सहकर्मियों को यह बताते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया कि वह ट्रंप की प्रशासन नीति के साथ असहमति के चलते विदेश सेवा छोड़ रहे हैं। रैंक ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के पीछे हटने संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को इसका कारण बताया था।