बांग्लादेश से आए दिन हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आती रहती हैं। अब उत्तरी बांग्लादेश से एक हिंदू नेता के अपहरण और उसके बाद हत्या का मामला सामने आया है। बांग्लादेश के स्थानीय अखबार डेली स्टार के अनुसार, बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के बासुदेवपुर गांव के रहने वाले भाबेश चंद्र रॉय का अपहरण कर लिया गया और पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। गुरुवार को उनका शव बरामद किया गया। भाबेश चंद्र रॉय हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के अध्यक्ष का पद भी संभाला था।
घर से अपहरण कर हत्या कर दी गई
भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के अध्यक्ष थे और हिंदू समुदाय में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए जाने जाते थे। पुलिस के अनुसार, रॉय को अज्ञात लोगों ने अगवा किया और बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है, पुलिस जांच में जुटी है। हालांकि परिवार द्वारा अभी तक औपचारिक मामला दर्ज नहीं कराया गया है। इस संबंध ने मृतक भाबेश चंद्र रॉय के बेटे सपन राय ने एएनआई से फोन बताया कि " हम अभी अपने पिता के अंतिम संस्कार में लगे हैं, इसलिए अभी कोई मामला नहीं दर्ज करा पाए हैं।
हत्या के बात घर भेज दिया शव
सपन रॉय ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की शाम चार लोग मोटरसाइकिल से घर आए और पिताजी को ले गए। उन्होंने बताया कि इससे ठीक आधे घंटे पहले एक फोन आया था, जिनमें में यह जाने कोशिश की गई थी कि भबेश चंद्र रॉय घर पर हैं कि नहीं। इसके बाद अज्ञात चार लोग आए और उन्हें ले गए। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि बगल के नाराबारी गांव में ले जाकर उनकी हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, हत्या के बाद भाबेश चंद्र के शरीर को एक वेन के जरिए उनके घर भेज दिया। इसके बाद जब परिवार वाले अस्पताल ले गए तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बांग्लादेश में हाल के वर्षों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले और हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। धार्मिक उत्सवों, मंदिरों पर हमले और व्यक्तिगत हिंसा की खबरें बार-बार सामने आती रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। भाबेश रॉय की हत्या ने इन मांगों को और बल दिया है। स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। भाबेश चंद्र रॉय की हत्या ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।