वर्ष 1970 के यूनेस्को घोषणापत्र के अनुपालन में, हार्पर ने पैरॅट लेडी के तौर पर चर्चित यह शिल्प मोदी को बुधवार को भेंट किया है। हार्पर से बातचीत करने के बाद मोदी ने कनाडा की संसद के पुस्तकालय का दौरा किया जहां हार्पर ने उन्हें यह शिल्प सौंपा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट में बताया, कनाडा ने भारतीय धरोहर का हिस्सा पैरॅट लेडी लौटा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलुआ पत्थर से बने खजुराहो के इस शिल्प को ग्रहण किया।
यूनेस्को के संरक्षित स्मारकों में शामिल खजुराहो के इस शिल्प में एक नर्तकी को दर्शाया गया है जिसकी पीठ पर एक तोता बैठा हुआ है। खबरों के मुताबिक, विरासत का यह अमूल्य हिस्सा कनाडा में वर्ष 2011 में नजर आया था।
इसे अपने अधिकार में रखने वाले व्यक्ति के पास उचित दस्तावेज नहीं मिलने पर इसे जब्त कर लिया गया था। इसके बाद कनाडाई अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों से संपर्क कर इसे वापस लौटाने के बारे में विचार-विमर्श शुरू कर दिया था।