मिस्र के दौरे पर आए 72 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उन्हें डॉक्टरेट दिया जाना इस बात का संकेत है कि भारतीय सिनेमा और उसकी विभिन्न तकनीकों का प्रसार भारतीय सीमा के बाहर भी हुआ है।
अभिनेता ने गीजा के सैयद दरवेश हॉल में आयोजित समारोह में कहा, संस्कृति किसी देश का सॉफ्ट पॉवर होती है और इसका इस्तेमाल दुश्मनों को दोस्त बनाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मिस्र और मिस्र के लोग हमेशा से मेरे प्रिय मित्र रहे हैं और मेरे पूरे जीवनकाल में ऐसे ही बने रहेंगे।
हॉल के प्रवेश द्वार पर मिस्र के लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ अमिताभ का स्वागत किया गया। एकेडमी के छात्रों ने यह प्रस्तुति दी। एकेडमी ऑफ ऑर्ट्स के प्रमुख अहलाम यूनुस ने कहा, अकेडमी ऑफ आर्ट्स ने पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय कलाकार को डॉक्टरेट की उपाधि दी है। उन्होंने साथ ही कहा कि अमिताभ का कला एवं मानवता पर एक बड़ा प्रभाव है।