मीडिया के मुताबिक खान ने दावा किया है कि सभी हमलावर पढ़े लिखे और अमीर परिवारों से वास्ता रखते थे और इनमें से कोई भी मदरसा से ताल्लुक नहीं रखता था। जब मंत्री से पूछा इन हमलावरों के इस्लामिक कट्टरपंथ का रास्ता अख्तियार करने के पीछे की वजह पूछी गयी थी तो खान ने कहा 'यह आजकल फैशन बन गया है।'
हमले को जिस तरह अंजाम दिया गया है उसकी जटिलता और स्तर को देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का हमला बांग्लादेश में पहले नहीं देखा गया है। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर पीड़ितों को कमांडो के रेस्त्रां में दाखिल होने से पहले ही मार डाला गया था। हालांकि इस्लामिक स्टेट द्वारा हमले की जिम्मेदारी लिए जाने पर पुलिस का अभी तक कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हमले का स्तर देखते हुए बंदूकधारी और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन के बीच के तार की जांच की जा रही है।
बीते 18 महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक और उदारवादियों को निशाना बनाया जा रहा है जिसके लिए सरकार ने दो स्थानीय संगठनों को जिम्मेदार बताया है। साथ ही स्थानीय अधिकारी यह कहते आए हैं कि इन बांग्लादेशी आतंकी और इस्लामिक स्टेट के बीच किसी तरह का लिंक नहीं है। उधर इस्लामिक स्टेट ने शनिवार को पांच लड़ाकुओं की तस्वीर पोस्ट की जो इस संगठन के मुताबिक इस हमले में शामिल थे, लेकिन अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है।