मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आगाज कई वैश्विक संकटों के साथ हुआ है। वहीं अमेरिका और भारत के बीच भी व्यापारिक तल्खियां सामने आईं। अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत दौरे पर हैं ऐसे में कई बड़े मसलों पर सहमति बन सकती है।
तेल संकट, एस-400 मिसाइल सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे जिसमें दोनों देश अपने-अपने तर्क देकर बात मनवाने में लगे हुए हैं, आइए जानते हैं किन-किन मसलों पर दोनों देश के बीच तकरार जारी है-
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मुद्दों पर हाल में टकराव देखने को मिला। अमेरिका ने अपने उत्पादों पर अधिक शुल्क थोपे जाने पर नाराजगी जताते हुए भारत को तरजीही राष्ट्र के दर्जे (जीएसपी) से बाहर कर दिया। वहीं भारत ने जवाबी कार्यवाही करते हुए अमेरिका के 28 उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाया।
-H-1 वीजा को लेकर अमेरिका लगातार अपने नियमों में बदलाव कर रहा है, इससे भारत पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में भारत की मांग है कि इस नियम में उसकी आवश्यकताओं को पूरा किया जाए। इस बदलाव की वजह से अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीयों पर असर पड़ सकता है।
-अमेरिका इस समय कई दिक्कतों से जूझ रहा है, ईरान के साथ लड़ाई, चीन के साथ ट्रेड वॉर। इस बीच अमेरिका ईरान से तेल लेने पर रोक की बात कर रहा है। ऐसे में भारत की मांग है कि उनकी ट्रेड वॉर का उसपर कोई असर ना पड़े और भारत को मिलने वाली रियायतों को ना रोका जाए। वहीं अमेरिका की मांग है कि भारत उसके प्रोडक्ट पर टैक्स की दरों में छूट दे। ताकि अमेरिकी कंपनियों को दिक्कत ना आए।
-भारत रूस से 5 बिलियन अरब डॉलर की लागत से मिसाइल हमलों से रक्षा देने वाला कवच खरीद रहा है। रूस के साथ इसभारी-भरकम सौदे से अमेरिका नाराज है।
बन पाएगी सहमति
भारत दौरे पर आने से पहले पोम्पियो अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों की द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। अमेरिका का मानना है कि दोनों देशों के पास हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दुनिया के हितों के लिए काम करने का सुनहरा मौका है।