भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को गुरुवार को एक और झटका लगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज विजय माल्या की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका के जरिए माल्या ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी।
बता दें कि विशेष अदालत ने इस साल जनवरी में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। माल्या ने इसे बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।
भारतीय बैंकों से लिया था 9,000 करोड़ रुपये का लोन
विजय माल्या ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। 63 साल के विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का लोन लिया था और उसे नहीं चुका पाने के कारण 2 मार्च, 2016 को देश छोड़ दिया था। उन्होंने बार-बार देश से भागने से इनकार करते हुए कहा कि वह भारतीय बैंकों को दिए गए पैसे वापस करने के लिए तैयार हैं। भारत ने 2017 में माल्या के प्रत्यर्पण की मांग की थी। वह अभी जमानत पर बाहर हैं।
विजय माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाई हैं। दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था। यूके के गृह सचिव ने भी मंजूरी दे दी थी। माल्या फैसले को चुनौती देना चाहता था।
प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ जानें क्या बोले माल्या
विजय माल्या ने लंदन हाईकोर्ट द्वारा उनको अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति देने के फैसले के बाद मंगलावार को कहा कि 'उनकी बात सही ठहरायी गई है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख माल्या ने लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के बाहर संवाददाताओं से कहा कि 'वह हमेशा कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं।' माल्या ने साथ ही भारतीय बैंकों का बकाया राशि चुकाने की अपनी पेशकश को दोहराया।
माल्या की संपत्तियां बेचकर कर्ज वसूलना चाहते हैं बैंक
माल्या पर भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। कर्ज की वसूली के लिए बैंक माल्या की जब्त की गई संपत्तियों को बेचता चाहते हैं। माल्या लंदन में है। पिछले दिनों यूके हाईकोर्ट ने उसे प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की इजाजत दी थी।