दलित अधिकारों के मुद्दे पर पहला वैश्विक सम्मेलन अमेरिका में आज से शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन के आयोजन का मकसद यह है कि भारत सहित दुनिया भर में रह रहे करीब 26 करोड़ लोगों को जाति आधारित भेदभाव के कारण जिन अन्यायों का सामना करना पड़ रहा है, उनके बारे में लोगों को जागरूक किया जाए।
ट्रिनिटी वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में आज से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय दलित अधिकार आयोग (आईसीडीआर) और वैश्विक सम्मेलन आयोजन समिति (जीसीओसी) द्वारा किया जा रहा है।
सम्मेलन के अंत में जीसीओसी व्हाइट हाउस के सामने मानव श्रृंखला बनाकर किए जाने वाले एक प्रदर्शन के दौरान अपनी रणनीति एवं दलित अधिकारों के घोषणा-पत्र का ऐलान करेगी। प्रदर्शन के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और कांग्रेस सदस्यों से अपील की जाएगी कि वे कांग्रेस की सदस्य इलिएनॉर होम्स नार्टन के सदन में लाए जाने वाले उस प्रस्ताव का समर्थन करें जिसमें कांग्रेस से दलितों के खिलाफ भेदभाव की निंदा करने को कहा गया है। आईसीडीआर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वैश्विक सम्मेलन का मकसद दुनिया भर में जाति से प्रभावित करीब 26 करोड़ लोगों की समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना है।