यह निर्णय मिस्र और अरब की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए देश के रक्षा मंत्रालय के अनुरोध के बाद लिया गया है। बयान में कहा गया है कि मिस्र की सरकार ने यमन के तट के निकट बाब अल मंदेब जलडमरूमध्य, अरब क्षेत्र और लाल सागर में अपने सैन्य बल की कुछ इकाइयों की तैनाती की अवधि रविवार को और तीन महीने बढा दी। यदि यमन में सऊदी नीत अभियान इससे पूर्व समाप्त हो जाता है तो सेना को पहले वापस बुला लिया जाएगा।
विग्यप्ति में सरकार के हवाले से बताया गया है कि उसने मिस्र और अरब की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया था। मिस्र ने 26 मार्च को कहा था कि नौसेना और वायु सेना की इकाइयों को ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी नीत सैन्य अभियान के तहत 40 दिनों के लिए लाल सागर और बाब अल मंदेब जलडमरूमध्य में भेजा जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने सेना की तैनाती की अवधि समाप्त होने से पूर्व इसे बढाने का अनुरोध किया था। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने गत माह की शुरूआत में कहा था कि बाब अल मंदेब अरब के साथ-साथ मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा था कि जब तक सभी अरब देश साथ नहीं आएंगे तब तक उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा नहीं हो सकेगी।