अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। एफएटीएफ ने शुक्रवार को कहा कि पाक ने टेरर फंडिंग रोकने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं की। पाकिस्तान को अभी अक्तूबर तक ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। एफएटीएफ के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का वह दांव नाकामयाब रहा, जिसमें वह हाफिज सईद के जमात-उद-दावा पर बैन लगाकर पाक को ग्रे लिस्ट से बाहर लाने की कोशिश कर रहे थे। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की सालाना मींटिग में यह फैसला लिया गया।
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कुछ खास काम नहीं किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को मई 2019 तक जिस टाइमलाइन के मुताबिक, आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था उन्हें तुरंत पूरा करे। बैठक में पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।
एफएटीएफ ने करीब एक सप्ताह तक चले मीटिंग के बाद पाकिस्तान को अक्टूबर तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला लिया है। पुलवामा हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ फंडिंग नहीं रोकने के आरोप में कड़ा विरोध जताया था।
एफएटीएफ की मीटिंग में भारत ने पुलवामा हमले का जिक्र किया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी, जो पिछले कई सालों से भारत के खिलाफ पाकिस्तान के जमीन का इस्तेमाल कर रहा है। भारत ने इस हमले से जुड़ी डिटेल देते हुए यह बताने कि कोशिश की है कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। भारत की मांग थी कि पाकिस्तान को पूरी तरह से ब्लैक लिस्ट किया जाए, लेकिन एफएटीएफ ने इस मांग को खारिज कर दिया। फिलहाल ईरान और नॉर्थ कोरिया एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में है।
अपने विचार-विमर्श की शुरुआत में, एफएटीएफ के सभी सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के लिए एक मिनट का मौन रखा। एफएटीएफ के अध्यक्ष ने लोगों और भारत सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
पिछले साल डाला गया था पाक को ग्रे लिस्ट में
एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। वह इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा हुआ था। पेरिस में हुई एफएटीएफ की बैठक में भारत ने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ डॉजियर पेश किया था। 17 से 22 फरवरी तक हुई बैठक में 38 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पाकिस्तान पर 13.70 लाख करोड़ रु कर्ज
पाकिस्तान भारी कर्ज में दबा हुआ है। उस पर 13.70 लाख करोड़ रुपए (27 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए) से ज्यादा का कर्ज है। सऊदी अरब और यूएई ने उसे निवेश का भरोसा दिया है। लेकिन, एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देगा तो वह बड़े आर्थिक संकट में फंस जाएगा जिससे उबरना मुश्किल होगा।
जानें, क्या होती है FATF की ग्रे लिस्ट
एफएटीएफ पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। आतंकवादी संगठनों को फाइनैंसिंग के तरीकों पर लगाम न कसने वाले लोगों को इस लिस्ट में डाला जाता है।