चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन किसी भी देश या व्यक्ति को अपनी सीमाई संप्रभुता के उल्लंघन की इजाजत नहीं देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चनयिंग ने कहा, "चीन किसी भी देश या व्यक्ति को क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नही देगा। जबकि भारत ने चीनी सड़क निर्माण का बहाना बनाकर हमारी सीमा को पार किया है।" समाचार एजेंसी आईएएनएस ने ये जानकारी दी है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यह भी कहा, "यदि हम भारत के हास्यास्पद आरोपों को ऐसे ही सहते रहे तो, कोई भी देश अपने पड़ोसी के घर पर हमला कर सकता है। भारत सीमा पर बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्टचर डिवेलप कर रहा है जो चीन के लिए खतरा है। तो क्या चीन को भारतीय क्षेत्र में घुस जाना चाहिए? अगर ऐसा होगा तो बहुत अव्यवस्था फैल जाएगी।"
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनयिंग ने कहा, "चीन शांतिप्रिय देश है और शांति को मजबूती से कायम करता है। साथ ही हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की भी रक्षा करेंगे।" चनयिंग ने कहा, "आप इसके बारे में सोच सकते हैं। अगर हम भारत के इस हास्यास्पद तर्क को सहन करते हैं तो कोई भी जिसे अपने पड़ोसी के काम पसंद न हो तो वह अपने पड़ोसी के घर में घुस जाएगा।"
बता दें कि भारत और चीन के सैनिक सिक्किम सेक्टर में भूटान-चीन सीमा पर स्थित डोकलाम में जून से ही आमने-सामने हैं। 1987 के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह सबसे लंबा गतिरोध है। 1987 में अरुणाचल प्रदेश के सोमोरडोंग चु घाटी में भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच ऐसा ही गतिरोध हुआ था। डोकलाम में जारी गतिरोध की शुरुआत तब हुई जब भारतीय जवानों ने चीन के जवानों को वहां सड़क बनाने से रोक दिया क्योंकि यह एक विवादित क्षेत्र है। डोकलाम पर भूटान अपना दावा करता है और उसने चीन द्वारा वहां सड़क बनाने पर अपना विरोध भी दर्ज कराया है।
चीन का कहना है कि सड़क बनाना इसलिए ठीक है कि डोकलाम प्राचीन समय से ही उसका हिस्सा है। दूसरी ओर नई दिल्ली भूटान के दावे का समर्थन करता है और डोकलाम में चीन की सड़क को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। भारत की चिंता की वजह यह है कि डोकलाम का वह इलाका उस सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बहुत नजदीक है जो भारत के नॉर्थ ईस्ट को बाकी देश से जोड़ता है।